नजीबाबाद में निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी
नजीबाबाद(बिजनौर): अंजुमन-शाने-मिल्लत के तत्वावधान में बुधवार को नजीबाबाद शहर और किरतपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। नजीबाबाद(बिजनौर): अंजुमन-शाने-मिल्लत के तत्वावधान में बुधवार को नजीबाबाद शहर और किरतपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया।
नजीबाबाद(बिजनौर): अंजुमन-शाने-मिल्लत के तत्वावधान में बुधवार को नजीबाबाद शहर और किरतपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया।
नजीबाबाद में नवाब नजीबुद्दौला के मकबरे से बुधवार को अपराह्न करीब तीन बजे मुफ्ती गुलाम मुईनुद्दीन, मौलाना महफूज रजा, विधायक हाजी तसलीम अहमद एवं कारी अब्दुल वाजिद ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर जुलूस-ए-मोहम्मदी को रवाना किया। वहीं कारी अब्दुल वाजिद ने तिलावते-पाक पेश की। जुलूस-ए-मोहम्मदी शामिल करीब 25 से अघिक अंजुमनों ने भागीदारी की। अंजुमन शाने मिल्लत के सदर हाजी जाहिद हुसैन, नईम खां, डा. मुजीद, डा. इश्हाक, नवाब वारसी, मोहम्मद इदरीस, आरिफ वारसी, गयास खां, आसिफ खां, फराज खां की देखरेख में निकाला गया जुलूस मकबरे से शुरु होकर जगन्नाथ चौक, राजो का चौराहा, मोहल्ला मुगलूशाह एवं अम्दुखां चौक समेत अन्य मार्गों से होता हुआ मछली बाजार पहुंचकर संपन्न हुआ। इसके अलावा ग्राम कमालपुर खाईखेड़ी, करसमखेड़ी आदि गांवों में भी जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया।
-कुरीतियों से दूर रहने का आह्वान
किरतपुर: मदरसा अहले सुन्नत तविमुल मुस्लमीन की देखरेख में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस में उलेमा-ए-दीन ने कहा कि पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब किसी धर्म और जाति के लिए नहीं थे, बल्कि उनकी शिक्षा पर कोई भी व्यक्ति अमल कर सकता है। हजरत मोहम्मद साहब ने अपने जमाने में ही जातिवाद, रंगभेद, ऊंच-नीच, एवं कन्या भ्रूण हत्या पूर्णतया वर्जित कर दिया था। जुलूस दरगाह दादा मोहियोद्दीन पर पहुंचकर समाप्त हुआ। उलेमा-ए-दीन ने कुरीतियों से दूर रहने का आह्वान किया। जुलूस में रईस अहमद, इरशाद अहमद, आलम, आबिद, हसीनुददीन, अकरम, वारिस रजा, वसीम, आजम मियां, मोहम्मद चांद, अरशद चौधरी, हसन अली चौधरी, माजिद हुसैन, मुजम्मिल कादरी, दिलशाद रिजवी समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।