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मास्टर प्लान : टेंडर हुए और न चुनी गई एजेंसी, कैसे होगा सर्वे

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By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 11:24 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 11:24 PM (IST)
मास्टर प्लान : टेंडर हुए और न चुनी गई एजेंसी, कैसे होगा सर्वे
मास्टर प्लान : टेंडर हुए और न चुनी गई एजेंसी, कैसे होगा सर्वे

मास्टर प्लान : टेंडर हुए और न चुनी गई एजेंसी, कैसे होगा सर्वे

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बिजनौर, जेएनएन। शहर सर्वांगीण विकास के लिए तैयार किया जाने वाला मास्टर प्लान फिर से संकट में है। वर्ष 2001 में शहर का पहला मास्टर प्लान स्वीकृत हुआ था। इसके बाद वर्ष 2011 में नया मास्टर प्लान तैयार करने की कवायद शुरू हुई। लेकिन सर्वे के लिए नियुक्त एजेंसी के मानदेय की राशि पर विवाद हो गया और वह बिना सर्वे किए ही वापस चली गई। अब मास्टर प्लान बनवाने के लिए सबसे पहले एजेंसी का चयन किया जाना है। इसके लिए टेंडर करना होगा लेकिन प्रशासन अभी तक इसके लिए तैयार नहीं है। बिजनौर शहर की वर्ष 2011 में जनसंख्या 93,392 थी, लेकिन साल 2020 में सीमा विस्तार के बाद जनसंख्या बढ़कर 1,78,367 हो गई। बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ शहर की सीमाओं का विस्तार हुआ तो मास्टर प्लान की जरूरत पड़ी। साल 2001 में बिजनौर शहर के लिए विस्तृत मास्टर प्लान स्वीकृत किया गया था, जो कि वर्ष 2011 तक के लिए प्रभावी था। 2011 में मास्टर प्लान की निर्धारित समयावधि पूरी होने के बाद नए मास्टर प्लान की तैयारी की गई। सर्वे के लिए एजेंसी चुनी गई। एजेंसी के अधिकारी नगर नियोजन विभाग के तत्कालीन सहायक अभियंता साजन कंचन और अवर अभियंता दीवान सिंह यादव के नेतृत्व में लखनऊ से बिजनौर पहुंचे थे। लेकिन एजेंसी के मानदेय के मुद्दे पर विवाद हुआ और टीम वापस लौट गई। अब नए सिरे से बिजनौर शहर की महायोजना को तैयार करने की तैयारी है। दो साल से कोरोना संक्रमण इसमें बाधा बना है। मास्टर प्लान तैयार करने के लिए सबसे पहले शहर का सर्वे कराया जाना जरूरी है। यह सर्वे विशेषज्ञ एजेंसी द्वारा किया जाता है, जिसका चयन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। लेकिन नियत प्राधिकारी/एसडीएम सदर द्वारा इसके लिए अभी कोई टेंडर प्रक्रिया की घोषणा नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में अभी सर्वे का कार्य शुरू होने के कोई आसार ही नहीं हैं, क्योंकि जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा वही कंपनी बिजनौर शहर में सर्वे का काम करेगी। वहीं वर्तमान में नियत प्राधिकारी कार्यालय में स्थाई अवर अभियंता भी नहीं हैं। उनका कामकाज लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता देख रहे हैं, जो अत्यधिक काम के चलते इस कार्य के लिए समय नहीं दे पा रहे हैं। इनका कहना है बिजनौर शहर के मास्टर प्लान के लिए अभी टेंडर नहीं मागे गए हैं। टेंडर से चयनित एजेंसी शहर का सर्वे करके मास्टर प्लान का प्रारूप तैयार करेगी। इसका जिला प्रशासन प्रकाशन करके और शहर के सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा करके आम जनता की आपित्तयां प्राप्त करेगा। आपित्तयों के निस्तारण के बाद मास्टर प्लान की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। प्लान को स्वीकृति के लिए शासन के शहरी नियोजन अनुभाग को भेजा जाएगा। -मोहित कुमार, एसडीएम सदर/नियत प्राधिकारी बिजनौर।


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