Move to Jagran APP

चार्ट-मॉडल के जरिए मनुष्य की मनोदशा को दर्शाया

नजीबाबाद (बिजनौर): रमा जैन कन्या महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग द्वारा चार्ट एवं मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतिकरण के साथ रंजू यादव अव्वल रही। प्राचार्या एवं मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डा.दीप्ति गुप्ता के निर्देशन में आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ निदेशक डा.केसी मठपाल ने किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 10:22 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 10:22 PM (IST)
चार्ट-मॉडल के जरिए मनुष्य की मनोदशा को दर्शाया
चार्ट-मॉडल के जरिए मनुष्य की मनोदशा को दर्शाया

नजीबाबाद (बिजनौर): रमा जैन कन्या महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग द्वारा चार्ट एवं मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतिकरण के साथ रंजू यादव अव्वल रही। प्राचार्या एवं मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डा.दीप्ति गुप्ता के निर्देशन में आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ निदेशक डा.केसी मठपाल ने किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ मस्तिष्क के लिए हमें अपने व्यक्तित्व में सकारात्मक सोच को विकसित करने की आवश्यकता होती है और मनोविज्ञान इस स्थिति का ज्ञान कराने की अद्भुत कला है। प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाली करीब 100 छात्राओं ने पर्यावरण, सामाजिक विकास, स्वच्छता संबंधी व्यवहार, भावात्मक संतुलन, कम्युनिकेशन स्किल सहित प्रमुख ¨बदुओं पर चार्ट एवं मॉडल प्रदर्शित किए। प्रतिस्पर्धा में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा रंजू यादव ने प्रथम, बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा रुखसार व ताजवर ने द्वितीय तथा बीए प्रथम वर्ष की छात्रा सुकृति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। हिमानी, ¨पकी, कनिका व पूनम को सांत्वना स्थान मिला। डा.सविता वर्मा, डा.मृदुला त्यागी, डा.भावना अरोड़ा, डा.इंदु लाहोटी, डा.सविता सक्सेना आदि शिक्षिकाओं ने छात्राओं के प्रयासों की सराहना की।

loksabha election banner

-सोच को प्रदूषित करता है धूम्रपान

छात्रा रुखसार कहती है कि मनोविज्ञान से पता चलता है कि धूम्रपान मनुष्य की सोच को दूषित करता है। मस्तिष्क में नकारात्मक विचार आने से मानसिक रोग का शिकार हो जाता है।

-जीवन में तनाव बढ़ाता है धूम्रपान

छात्रा ताजवर कहती है कि समाज में तनाव के कारण घट रहीं घटनाओं का कारण भी धूम्रपान ही होता है। धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान तो पहुंचाता ही है, साथ ही जीवन में तनाव भी जन्म लेता है।

-इनका कहना है

सर्वश्रेष्ठ बनने की होड़ में शारीरिक कष्ट और मानसिक अवसाद से अधिकांश लोग जूझ रहे हैं। यह जीवन के लिए काफी खतरनाक स्थिति होती है। मनोविज्ञान की कला में बेहतर कम्युनिकेशन स्किल, समस्या निवारण के गुण, भावात्मक संतुलन, निर्णय लेने की क्षमता, मानवीय व्यवहार, रचनात्मकता का विकास होता है। डा.दीप्ति गुप्ता, प्राचार्या: रमा जैन कन्या महाविद्यालय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.