हनी ट्रैप गिरोह के चार अंतरराष्ट्रीय ठग गिरफ्तार
बिजनौर : हनी ट्रै¨पग के जरिए करोड़ों रुपये ठगने करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चार सदस्
बिजनौर : हनी ट्रै¨पग के जरिए करोड़ों रुपये ठगने करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने साहिबाबाद बार्डर से गिरफ्तार किया है। गिरोह ने विदेशी महिला के नाम से सोशल फेसबुक आइडी बनाकर इंटरनेट कॉ¨लग के जरिए ठगी का जाल फैला रखा था। चारों ठग मुंबई के हैं। गिरोह में युवतियों समेत 40 से अधिक सदस्य हैं।
गुरुवार को पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता में एसपी उमेश कुमार ¨सह ने बताया कि इस मामले में महाराष्ट्र के खारगर निवासी शमसुद्दीन रईस अहमद, लोटस गोवंडी शिवाजी नगर मुंबई निवासी साबिर, ईस्ट मुंबई निवासी आरिफ इकबाल व शिवड़ी रोड मुंबई निवासी दिनेश को गिरफ्तार किया है। उनसे पांच लाख 15 हजार की नकदी, 30 एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, आठ मोबाइल, चार आधार कार्ड, पांच चेक बुक, तीन ब्लैंक चेक, व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना मुंबई निवासी गुरु उर्फ गु¨रदर तीन-चार करीबियों के साथ देशभर में संगठित गिरोह चला रहा है। फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर विदेशी नंबरों से इंटरनेट कॉ¨लग के जरिए किसी युवती को विदेशी लड़की बताकर अमीर युवकों को जाल में फंसा लेते थे। युवकों से बैंक खातों में रकम जमा कराते हैं। इसके बाद देशभर में खुले 40 खातों से एटीएम, चेक बुक आदि के जरिए पैसा निकाल लेते हैं। एजेंट सरगना तक यह रकम पहुंचाते थे। प्रतिदिन करीब 30-40 लाख रुपये की ठगी की जाती है। वेस्ट यूपी में उनका दफ्तर गाजियाबाद-दिल्ली बार्डर पर है। एसपी ने पुलिस टीम को दस हजार रुपये इनाम की संस्तुति की है। ठगी मामले की जांच एसटीएफ को सौंपने को लिखा जा रहा है। इनसेट
यह था मामला
नजीबाबाद के मोहल्ला वाहिदनगर निवासी शहजाद अहमद की कुछ माह पूर्व यूके निवासी डोज डेनियल नाम से फेसबुक पर मौजूद महिला से दोस्ती हुई। चै¨टग के बाद बात मोहब्बत तक पहुंच गई। इस दौरान उक्त महिला ने शहजाद से फोन पर बातचीत में मिलने की इच्छा जताई। 19 नवंबर को वह उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर लेने पहुंचा। इसी बीच मुंबई से एक फोन आया, जिसमें बताया कि आपकी विदेशी दोस्त आई है। उसके पास पैसे कम पड़ रहे हैं। इस पर शहजाद ने बताए गए आइसीआइसीआइ बैंक के एक अकाउंट में पांच लाख रुपये जमा करा दिए। इसके बाद नौ लाख रुपये और जमा करने को कहा। पीड़ित ने नौ लाख रुपये और जमा किए लेकिन तकनीकी खामी के चलते यह राशि उसके खाते में ट्रांसफर नहीं हो सकी। इसके बाद उसे ऑनलाइन हनी ट्रै¨पग का शिकार होने का शक हुआ तो नजीबाबाद थाने में धोखाधड़ी व आइटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया। इसी के बाद पुलिस ने गिरोह की घेराबंदी करने को जाल बिछाया।