पलभर में मातम में बदल गईं खुशियां, उजड़ गए दो परिवार
बिजनौरजेएनएन। हादसे से परिवार में कोहराम मच गया। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से परिवार में गांव में शोक व्याप्त हो गया। युवती के भाई और जीजा की मौत से दो घरों के चिराग भी बुझ गए। दोनों अपने घर में इकलौते थे। एक हादसा जीवनभर नहीं भूलने वाला गम दे दिया।
पलभर में मातम में बदल गईं खुशियां, उजड़ गए दो परिवार
बिजनौर,जेएनएन। हादसे से परिवार में कोहराम मच गया। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से परिवार में गांव में शोक व्याप्त हो गया। युवती के भाई और जीजा की मौत से दो घरों के चिराग भी बुझ गए। दोनों अपने घर में इकलौते थे। एक हादसा जीवनभर नहीं भूलने वाला गम दे दिया। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे महिलाएं मौत की खबर पर बेहोश हो गई। दहाड़ मारकर रोने लगी। कुरुण क्रंदन सुनकर हर किसी की आंख नम हो गई हैं।
खानचंद्र की छोटी बेटी की शादी 17 अप्रैल को होनी है। घर में उसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। बेटी के रिश्ते में देने के लिए नई बाइक खरीदने के लिए ही चारों नहटौर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही इतना बड़ा हादसा हो गया। एक हादसे ने ऐसा कोहराम मचा दिया कि हर कोई हतप्रभ रह गए। पलभर में खुशियां मातम में बदल गई। बेटी के हाथ पीले करने का सपना पाले खानचंद्र केक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रवि खानचंद्र का इकलौता पुत्र था। वह पांच बहनों का इकलौता भाई था। वह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गया है। पिता-पुत्र की मौत से पूरे परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। चार जवान बेटियों, विधवा बहू और पोते-पोती का बोझ उठाने वाला कोई सदस्य घर में नहीं रहा है। वहीं दामाद मनोज भी अपने घर में इकलौता था। खानचंद्र के परिवार पर वज्रपात हुआ है। बेटे और दामाद को खोने के बाद सबका बुरा हाल है। दो घरों में कोहराम मचा हुआ है। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है। पोस्टमार्टम पर महिलाओं के रोते-बिलखते देखकर हर कोई गमगीन हो गया। पैजानियां में मातम पसरा हुआ है। हर किसी के जुबान पर यही शब्द है कि आखिर इस परिवार की जिम्मेदारी कौन उठाएंगे? पिता-पुत्र और दामाद की मौत से सभी टूट गए हैं।
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बिरेंद्र कुमार
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