Move to Jagran APP

सीएमओ कार्यालय में दिव्यांगों की दुर्दशा

बिजनौर में दिव्यांगों की बेहद दुर्दशा है। हाथ पैर से अपाहिज इन लोगों के बैठने के न तो कुर्सी है और न ही कोई बेंच।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 06:18 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 06:18 PM (IST)
सीएमओ कार्यालय में दिव्यांगों की दुर्दशा
सीएमओ कार्यालय में दिव्यांगों की दुर्दशा

बिजनौर : कोई पैर से दिव्यांग है तो कोई नेत्रहीन। कोई बिना सहारे के खड़ा भी नहीं हो पाता तो किसी को रिक्शा में लिटाकर लाया जाता है। इतनी मुसीबतें झेलकर प्रमाण पत्र बनवाने आने वाले दिव्यांगों को सीएमओ कार्यालय में बैठने तक की भी जगह नहीं मिलती। प्रत्येक सोमवार को दिव्यांग कार्यालय में मारे-मारे घूमते हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होता।

loksabha election banner

शासन ने विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सोमवार का दिन निर्धारित कर रखा है। इन दिनों पुराने प्रमाण पत्रों को भी आनलाइन करने का काम चल रहा है। इसके चलते सीएमओ कार्यालय में बड़ी संख्या में दिव्यांग पहुंचते हैं। एक ही खिड़की पर प्रमाण पत्रों का काम होने के चलते यहां दिन भर मारामारी मची रहती है। दिव्यांग गिरते-पड़ते अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं। हालत यह है कि यहां दिव्यांगों को लाने-लेजाने के लिए व्हील चेयर तो दूर उनके बैठने और पानी पीने तक की व्यवस्था नहीं होती। सोमवार को भी यही हाल रहा। दिव्यांग दिन भर परेशान घूमते रहे। भारी भीड़ में उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। उधर सीएमओ डा. राकेश मित्तल का कहना है कि पूरे प्रदेश में विकलांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए केवल सोमवार का ही दिन निर्धारित है। इसलिए ज्यादा भीड़ हो जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.