घोटाले में घिरे 12 शाखा प्रबंधक कैशियर होंगे निलंबित
बिजनौर : उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की स्वरोजगार योजना में करीब पौने दो करो
बिजनौर : उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की स्वरोजगार योजना में करीब पौने दो करोड़ के अनुदान घोटाले में आरोपित जिला सहकारी बैंक के अफसर निलंबित होंगे। जिला सहकारी बैंक बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अब इन आरोपित अफसरों से रिकवरी की भी तैयारी की जा रही है।
शुक्रवार को दिनेश कुमार की अध्यक्षता में जिला सहकारी बैंक बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में घोटाले में संलिप्त 18 में से मौजूदा तैनात 12 शाखा प्रबंधकों और कैशियर पर कार्रवाई का निर्णय लिया गया। पांच आरोपित रिटायर हो चुके हैं और एक आरोपित की मौत हो चुकी है। जिला सहकारी बैंक बोर्ड के सचिव अनूप कुमार ने बताया कि सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबन का आदेश जारी किया जा रहा है। इन सभी पर मुकदमा दर्ज है। क्या है अनुगम घोटाला
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम से अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए वर्ष 2009 से 14-15 तक स्वरोजगार की योजनाएं संचालित की गई। इसमें परचून की दुकान, भैंसा पालन, भैंसा बुग्गी आदि के लिए ऋण का प्रावधान था। इस दौरान डीसीबी की पांच शाखाओं स्योहारा, बुढ़नपुर, बास्टा, चकराजमल व ताजपुर में बिना ऋण वितरण किए अनुदान का पौने दो करोड़ का घोटाला कर लिया गया। लोकायुक्त के यहां शिकायत की गई। इसके बाद जांच में घोटाले की पुष्टि हुई और उसी के आधार पर कार्रवाई की गई। ये होंगे निलंबित
शाखा प्रबंधक कैशियर
योगेंद्र पाल ¨सह अवधेश कुमार
नीरज शर्मा महेंद्र ¨सह
रविराज ¨सह जयचंद
अपूर्व दीक्षित आशीष कुमार
राजकुमार, रोहित कुमार आशुतोष कौशिक
राजन कुमार (तत्कालीन कैशियर)
(उपरोक्त नाम जिला सहकारी बैंक बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव में शामिल हैं।)