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बुखार रोगी नहीं करा रहे डेंगू-मलेरिया की जांच

कोरोना संक्रमण का डर लोगों के सिर पर इस कदर हावी है कि वह डेंगू और मलेरिया की जांच कराने से भी कतरा रहे हैं। यही कारण है कि डेंगू और मलेरिया के रोगियों की संख्या में कमी आई है। अलबत्ता निजी चिकित्सकों के पास डेंगू और मलेरिया के रोगियों की भरमार है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 07:21 PM (IST)
बुखार रोगी नहीं करा रहे डेंगू-मलेरिया की जांच
बुखार रोगी नहीं करा रहे डेंगू-मलेरिया की जांच

बिजनौर,जेएनएन। कोरोना संक्रमण का डर लोगों के सिर पर इस कदर हावी है कि वह डेंगू और मलेरिया की जांच कराने से भी कतरा रहे हैं। यही कारण है कि डेंगू और मलेरिया के रोगियों की संख्या में कमी आई है। अलबत्ता निजी चिकित्सकों के पास डेंगू और मलेरिया के रोगियों की भरमार है।

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इन दिनों डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर का कहर रहता है, लेकिन लोग कोरोना से इस कदर डरे हुए हैं कि वह बुखार आने पर मलेरिया व डेंगू की सरकारी अस्पतालों में जांच कराने के स्थान पर निजी चिकित्सकों अथवा मेडिकल स्टोर से दवा लेकर ही काम चला रहे हैं। यही कारण है कि स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक दो लोग ही रेपिड कार्ड की जांच में डेंगू पीड़ित पाए गए हैं, जबकि एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट आनी अभी शेष है। इतना ही नहीं अब तक मात्र 45 लोग ही मलेरिया पीड़ित पाए गए हैं।

बुखार में जांच अवश्य कराएं

जिला मलेरिया अधिकारी ब्रजभूषण का कहना है कि बुखार आने पर रोगी को डेंगू एवं मलेरिया की जांच अवश्य ही करानी चाहिए। कई बार नीम हकीम अथवा मेडिकल स्टोर से दवा लेने से परेशानी बढ़ सकती है। बुखार आने पर डेंगू-मलेरिया की जांच सरकारी अस्पताल में अवश्य करानी चाहिए।

पर्याप्त मात्रा में है मच्छर मारने की दवा

डीएमओ बताते हैं कि विभाग के पास व्यस्क मच्छरों को फागिग करने के लिए पर्याप्त मात्र में मैलाथियान टेक्निकल एवं नालियों में छिड़काव के लिए पर्याप्त मात्रा में लार्वा साइट उपलब्ध है। ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण स्वच्छता समिति की और से लार्वा साइट का छिड़काव एवं फागिग कराई जाती है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह जिम्मेदारी नगरपालिका की है। यदि किसी क्षेत्र में डेंगू का मरीज पाया जाता है तो मरीज के घर के आसपास विभाग लार्वा साइट का छिड़काव कराता है। लोगों को चाहिए कि वह पानी जमा न होने दें। कूलर आदि को प्रत्येक सप्ताह पानी खाली कर सुखाएं। जमा पानी में कैरोसिन डालें। छत पर पड़े टायर, टूटे बर्तन आदि में बरसात का पानी जमा न होने दें। पीने के पानी को ढककर रखें। पूरा शरीर ढक सके ऐसे कपड़े पहनें, सोते समय मच्छर भगाने की वस्तुओं का प्रयोग करें।

नगर पालिका करा रही नियमित फागिग

नगर पालिका के ईओ योगेश्वर त्रिपाठी का कहना है कि मच्छरों को मारने के लिए नगर में नियमित अंतराल पर फागिग कराई जाती है। इतना ही नहीं मच्छर न पनपने पाए, इसके लिए नालियों में लार्वा साइट छिड़काव भी कराया जाता है। नालियों की नित्य सफाई होती है। नालियों में पानी जमा न हो इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।

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