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शहर हो या गांव हर जगह कुत्ते के काटने का भय

जिले भर में कुत्तों का कहर है। रोजाना करीब 100 लोगों को कुत्ते हमला कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 11:09 PM (IST)
शहर हो या गांव हर जगह कुत्ते के काटने का भय
शहर हो या गांव हर जगह कुत्ते के काटने का भय

बिजनौर, जेएनएन: जिले भर में कुत्तों का कहर है। रोजाना करीब 100 लोगों को कुत्ते हमला कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त बंदर, घोड़ा, गीदड़ आदि जंगली जानवरों के काटने पर भी एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए जाते है। कई बार सीएचसी और पीएचसी में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होते। खुले बाजार में एंटी रेबीज इंजेक्शन महंगे होने के कारण सामान्य लोग जिला अस्पताल की ओर रुख करते हैं। सीएमएस डा. सुखवीर सिंह बताते हैं कि जिला अस्पताल में प्रतिदिन 70 से 80 इंजेक्शन लगाए जाते हैं। जिला अस्पताल में करीब ढाई हजार इंजेक्शन उपलब्ध है।

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कुत्ते पकड़ने का नहीं हो रहा स्थाई समाधान

संसू, किरतपुर: नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में झुंड में घूमते हुए कुत्ते राह चलती महिलाओं, वृद्धों तथा बच्चों को काटकर घायल कर देते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कुत्ते वाहनों के पीछे भागते हैं, जिससे वाहन चालक गिरकर घायल हो रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. जितेंद्र ने बताया कि केंद्र पर प्रतिदिन लगभग 15 कुत्ते के काटे घायलों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। मंगलवार को अब तक साक्षी निवासी मोहल्ला भुड्डी किरतपुर, केसर निवासी ग्राम गधेली, कलावती निवासी ग्राम ताहरपुर, हबा जमाल निवासी ग्राम जाफरपुर, अमन किरतपुर, कार्तिक निवासी ग्राम मेमन सादात एवं दुलारी निवासी ग्राम शाहपुर को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं। नगर पालिका परिषद के प्रधान लिपिक हसन मुस्तफा ने बताया की गत वर्ष भी कुत्तों को पकड़वाने का अभियान पालिका से चलाया गया था। दीपावली के बाद कुत्तों को पकड़वाने का अभियान चलाया जाएगा।

एआरवी के लिए रोजाना आ रहे 40 मरीज

संस, नजीबाबाद: नजीबाबाद शहर एवं इससे सटे घने आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों से लोग परेशान हैं। पीएचसी प्रभारी डा. सर्वेश निराला ने बताया कि रोजाना औसतन 40 मरीज एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। पूर्व में नगरपालिका परिषद द्वारा कुत्तों को पकड़वाने का अभियान चलाया गया था, लेकिन कुत्तों को पकड़ने में काफी पैसा खर्च होने और कुछ ही दिनों में पकड़े गए कुत्तों के वापस लौट आने से बढ़ी सिरदर्दी के कारण अभियान को रोक देना पड़ा था।

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वाहन चालकों पर भी कर रहे हमला

संस, चांदपुर: गली-मोहल्लों में रात के समय निकलना मुश्किल रहता है। कई बार कुत्ते वाहनों पर झपट्टा मारने का प्रयास करते हैं। पिछले दिनों मोहल्ला कायस्थान में कुत्ते के काटने से एक किशोर की मौत हो गई थी। शहरवासी आए दिन पालिका प्रशासन से कुत्तों को पकड़वाने के लिए मांग करते रहते हैं, लेकिन कोई अभियान नहीं चलाया जाता है। मोहल्ला पतियापाड़ा, सरायरफी, कटारमल समेत ऐसे कई मोहल्ले हैं। जहां खूंखार कुत्ते लोगों पर झपट्टा मारते रहते हैं। देखा जाता है कि कई गलियां तो ऐसी भी हैं, जहां दिन भर कुत्तों का झुंड हमलावर नजर आता है। बच्चों व महिलाओं पर कब हमला कर देता है, कुछ पता नहीं रहता है। चांदपुर सीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं रहती है। जैसे ही आती है, वैसे ही खत्म हो जाती है। फिर कई कई दिन तक उपलब्ध नहीं हो पाती है। सीएचसी प्रभारी डा. केपी सिंह ने बताया कि फिलहाल अस्पताल में पांच वैक्सीन उपलब्ध हैं। जो कम से कम 15 लोगों को लगाई जा सकती हैं। वहीं, पूरे महीने में अब तक 409 लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन लग चुकी है। संसू, नूरपुर: गली मोहल्ले में आवारा कुत्तों की वजह से छोटे बच्चों का स्कूल तक आना जाना प्रभावित हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में कुत्तों के हमले से पांच बच्चे शिकार हुए हैं। नगर में बंदरों की वजह से आये छतों पर कपड़े आदि के लिए महिलाओं को परेशानी हो रही है। बंदरों के हमले की वजह से एक वर्ष पूर्व एक महिला की छत से गिरकर मौत हो गई थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर करीब 20 से 25 मरीज एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। पीएचसी प्रभारी डॉ अजय गंधर्व ने बताया कि एंटी रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध हैं।

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पागल कुत्ते ने 12 लोगों को काटा, दहशत -तीन दिन से आधा दर्जन गांवों में कुत्ते का आतंक,

- टोली बनाकर में निकल रहे ग्रामीण, बच्चे घर में कैद

संसू, मंडावली: क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में आवारा कुत्ते का आतंक पसरा है। पिछले तीन दिन में आवारा कुत्ते ने 12 लोगों को काटकर घायल कर दिया है। आवारा कुत्ते के आतंक से ग्रामीण घरों में कैद होकर रह गए हैं। वहीं पागल आवारा कुत्ते से निपटने के लिए ग्रामीण टोली बनाकर ढूंढ रहे हैं।

मंडावली क्षेत्र के आधा दर्जन गांव नियामतपुर, टांडा रतन, जटपुरा बौंडा, मंडावली, काठपुर, गांवड़ी, गूढ़ा आदि में एक पागल कुत्ते का आतंक है।

पिछले तीन दिनों में कुत्तों ने ग्रामीण मगन सिंह, सत्यवीर, भोगेन्द्र सिंह, मुंगिया, बद्रीनाथ, दयावती, लाखन सिंह, रोहित सिंह, टीकम सिंह, मुन्नी आदि को काटकर घायल कर दिया। सभी अलग-अलग अस्पतालों में उपचार कराने में जुटे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन दिन से पागल कुत्ते ने गांव में भटक रहे अन्य आवारा कुत्तों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया है। अब स्कूली बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों के दिलो-दिमाग में आवारा पागल कुत्ते की दहशत बैठ चुकी है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।

वह लोगों को काफी गहरा जख्म दे रहा है। कई गांवों के ग्रामीणों ने लाठी डंडे लेकर उसकी तलाश की, लेकिन वह हाथ नहीं आया।

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ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगरपालिका परिषद को अपने अपने क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के आतंक से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने चाहिए। जल्द ही निकायों की बैठक कर समस्या के निराकरण पर विचार विमर्श किया जाएगा। कुत्ते-बंदर आदि के काटने पर अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को एंटी रेबीज वेक्सीन हर हाल में लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल पर वेक्सीन नहीं होने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

-संगीता, एसडीएम, नजीबाबाद


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