किसानों ने किरतपुर, मंडावली, नांगल में गन्ने की होली
क्षेत्र के गांव नियामतपुर में किसान सहकारी चीनी मिल नजीबाबाद का गन्ना क्रय केंद्र है। क्रय केंद्र पर किसानों ने गन्ना मूल्य नहीं बढ़ने पर प्रदर्शन करते हुए गन्ना जलाया।
बिजनौर, जेएनएन। क्षेत्र के गांव नियामतपुर में किसान सहकारी चीनी मिल नजीबाबाद का गन्ना क्रय केंद्र है। क्रय केंद्र पर किसानों ने गन्ना मूल्य नहीं बढ़ने पर प्रदर्शन करते हुए गन्ना जलाया। किसानों का कहना था कि सरकार किसानों की विरोधी है। इस सरकार ने गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया है। किसानों ने गन्ना जलाकर विरोध जताया और गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने की मांग की। किसानों का कहना था कि पिछले तीन वर्षो से गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया गया है। प्रदर्शनकारियों में भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के ब्लॉक अध्यक्ष नागेंद्र सिंह, नरपाल सिंह, विकास कुमार, प्रशांत कुमार, कुलदीप, ब्रजपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, गौरव, प्रवीण सिंह, विनीत, घसीटा सिंह, मुकेश कुमार, विवेक समेत कई किसान शामिल रहे।
सरकार के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन, गन्ना जलाया
संसू, किरतपुर: रविवार सुबह भाकियू लोकशक्ति कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन चौराहे पर एकत्र हुए। किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसान विरोधी है तथा पूंजीपतियों की सरकार है। सरकार ने किसानों के खेती में काम आने वाली सभी वस्तुओं के दाम बढ़ा दिए हैं, लेकिन गन्ने के खरीद मूल्य में लगातार तीन वर्षों से कोई वृद्धि न करके किसानों के साथ छल किया है। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए गन्ना जलाया। प्रदर्शन में हितेश कुमार, पदम सिंह, भूपेन्द्र कुमार, शीशपाल सिंह, शफात, टिकूं, तुषार, विकास, शिव कुमार, रवि कुमार आदि शामिल रहे।
किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही सरकार
संसू, नांगलसोती: ग्राम सौफतपुर में भाकियू लोकशक्ति के बैनर तले आक्रोशित किसानों ने प्रदर्शन कर गन्ना जलाया। इससे पहले अरुण कुमार के आवास पर जिलाध्यक्ष वीर सिंह की अध्यक्षता एवं गजराज सिंह के संचालन में बैठक हुई। जिसमें गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाने पर रोष व्यक्त किया गया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी और पूंजीपतियों की सरकार है। सरकार ने बिजली, पेट्रोल के दाम तो बढ़ाए हैं, लेकिन गन्ने के दाम नहीं बढ़ाकर किसानों के साथ छल किया है। बैठक के बाद किसानों ने नांगल-चंदक मार्ग पर एकत्र होकर गन्ना जलाया। प्रदर्शनकारी किसानों में अमरीश, पप्पू सिंह, बिरजू, रामकुमार, शैलेंद्र, धर्मवीर, देवेंद्र, अशोक, नरेश मिथुन, नकुल, उदयवीर, पीतम, विजय, भूरे सिंह, हिमांशु, अल्ताफ, साबिर आदि किसान शामिल रहे।