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यूरिया समय पर न मिलने से फसलें हो रही प्रभावित

ढाई माह से किसान यूरिया की किल्लत से जूझ रहे हैं। गन्ना समिति सहकारी समिति के चक्कर काटने के बाद भी खाद नहीं मिल रहा है। इससे धान गन्ना आदि की फसलों को इस बार समय पर समुचित मात्रा में खाद नहीं लग सका है। ऐसे में फसलों का उत्पादन प्रभावित होना लाजिमी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:07 AM (IST)
यूरिया समय पर न मिलने से फसलें हो रही प्रभावित
यूरिया समय पर न मिलने से फसलें हो रही प्रभावित

बिजनौर, जेएनएन। ढाई माह से किसान यूरिया की किल्लत से जूझ रहे हैं। गन्ना समिति, सहकारी समिति के चक्कर काटने के बाद भी खाद नहीं मिल रहा है। इससे धान, गन्ना आदि की फसलों को इस बार समय पर समुचित मात्रा में खाद नहीं लग सका है। ऐसे में फसलों का उत्पादन प्रभावित होना लाजिमी है।

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धामपुर क्षेत्र गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है। यहां कुछ ही क्षेत्रफल पर अन्य फसलों की खेती होती है। क्षेत्र के गन्ना मिलों ने अपना पेराई सत्र 12 जून को समाप्त कर दिया था। इसके बाद से किसान गन्ने की फसल की सिचाई, निराई, गुड़ाई, करने में जुटे, लेकिन इस बार किसान को समुचित मात्रा में खाद नहीं मिल सका। समितियों पर भी कम मात्रा में खाद आ रहा है। आए दिन समितियों पर किसानों की भारी भीड़ और हंगामा देखने को मिलता है। किसान हरिराज सिंह, मुख्तियार सिंह, होशियार सिंह, नेतराम, घसीटा सिंह आदि का कहना है कि यदि अब भी फसलों को जल्द खाद नहीं दिया गया तो उत्पादन में कमी आ सकती है। वहीं कादराबाद समिति के एमडी मदन सिंह ने बताया कि फैक्ट्रियों से जितना खाद आ रहा है, किसानों को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर कोई गड़बड़ी नहीं है, नियमों के मुताबिक सभी को खाद दिया जा रहा है, फैक्ट्रियों से ही इस बार खाद कम आ रहा है।

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गन्ना समिति किसानों को खाद दे रही उधार :

गन्ना समिति किसानों पर उधार खाद लेने को दबाव बनाती हैं। नकद में उन्हें खाद नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते तमाम किसान ऐसे हैं, जो नकद खाद खरीदते हैं और वह उधार लेने से कतराते हैं। इसके अलावा खाद पर किसानों को कीटनाशक दवाई भी जबरन थोपी जा रही हैं। यदि कोई किसान उन्हें लेने से इंकार करता है तो उसे खाद देने से इंकार कर दिया जाता है।

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निजी दुकानों पर नहीं मिल रहा खाद :

पहले निजी दुकानों पर भी खाद मिलता था, लेकिन अब किसान गन्ना समिति, कोआपरेटिव समितियों पर ही खाद मिल रहा है। इससे भी किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि समितियां मनमाने तौर पर किसानों को खाद दे रही हैं।


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