चार अर्थियां उठी, तो जार-जार रोए परिजन एवं ग्रामीण
गाजियाबाद में रह रहे गांव राघोरामपुर उर्फ नयागांव के एक युवक ने पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने के बाद फांसी लगाकर खुद भी आत्महत्या कर ली थी
बिजनौर, जेएनएन। राघोरामपुर उर्फ नयागांव में शनिवार को जब चार अर्थियां एक साथ उठी, तो पत्थर दिल कलेजा भी कांप उठा। परिजन ही, नहीं शव यात्रा में शामिल एक-एक ग्रामीणों की आंखों से आंसुओं की धार बह निकली। गंगा बैराज घाट पर नम आंखों से इन चारों का अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई ने अपने बड़े भाई, भाभी, भतीजे और भतीजी को मुखाग्नि दी।
ग्राम राघोरामपुर उर्फ नयागांव में शनिवार को मातम पसरा हुआ था। गांव निवासी राजेश सिंह के घर उनके बेटे धीरज कुमार, धीरज की पत्नी काजल, दो साल के बेटे ध्रुव और बेटी एकता की अंतिम यात्रा की तैयारी की जा रही थी। जब एक साथ चार अर्थियों को कंधा देने की बारी आई, तो परिजनों और ग्रामीण फूट-फूट कर रोने लगे।
शुक्रवार की देर रात्रि चारों के शव गांव पहुंचे, तो कोहराम मच गया। गांव अल्हैदादपुर से आए काजल की मायकेवालों का बुरा हाल था। शनिवार की सुबह इन चारों का बैराज गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई राहुल ने चारों को मुखाग्नि दी। बैराज गंगा घाट पर बड़ी संख्या में ग्रामीण आए हुए थे।
-यह है मामला
ग्राम राघोरूपपुर उर्फ नयागांव निवासी राजेश सिंह का बड़ा बेटा धीरज कुमार पिछले लगभग 12 साल से संजय कालोनी अर्थला साहिबाबाद (गाजियाबाद) में किराये के मकान में रहकर स्टील की रेलिग एवं एसएस गेट लगाने का काम करता था। गुरुवार की रात्रि धीरज ने अपनी पत्नी काजल, दो साल के बेटे ध्रुव और पांच साल की बेटी एकता की हत्या करने के बाद स्वयं को फांसी लगाकर घर में आत्यहत्या कर ली थी।