फैक्ट्री में पांच सौ कर्मचारियों के लिए नहीं था फर्स्टएड बाक्स
बिजनौर : फैक्ट्री में करीब सौ से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इनकी की ¨जदगी राम भरोसे थी
बिजनौर : फैक्ट्री में करीब सौ से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इनकी की ¨जदगी राम भरोसे थी। फैक्ट्री में कर्मचारी के बीमार होने या हल्की फुल्की चोट लगने पर मामूली उपचार की व्यवस्था नहीं है।
हादसे के बाद कर्मचारियों में काफी आक्रोश था। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि फैक्ट्री में इंतजाम नाकाफी है। सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है। कारखाना तकनीकी टीम साल भर में सिर्फ औपचारिकता पूरी कर चली जाती है। कर्मचारियों के लिए भी फैक्ट्री में कोई व्यवस्था नहीं है। प्राथमिक उपचार के लिए एक दवाई की गोली तक नहीं है। अगर कोई हादसा हो जाए तो उपचार मिलना नामुमकिन है। आग बुझाने के उपकरण भी फैक्ट्री में नहीं है। उनका मानना है कि इतनी बड़ी फैक्ट्री में एंबुलेंस और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था होनी चाहिए।
फैक्ट्री मालिक ने पहले नहीं पूरा किया मुआवजा वादा
करीब साढ़े तीन साल पूर्व हादरपुर निवासी शिवम की करंट लगने से फैक्ट्री में मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि हंगामा करने पर फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से साढ़े सात लाख रुपये देने का आश्वासन दिया था। बाद में मृतक के परिजनों को सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपये ही मिल सके। लोगों को कहना है कि मालिक की ओर से वादाखिलाफी की गई थी। इसलिए लोग मौके पर ही पूरी कार्रवाई व मुआवजे की मांग पर अड़े थे।