देर से ही सही पर निर्भया को मिल गया इंसाफ
आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। सात साल लंबी लड़ाई के बाद देर से ही सही पीड़ित परिवार को न्याय मिल गया है। दिल्ली की घटना में निर्भया के दरिदों को फांसी मिलने पर युवतियों और छात्राओं ने खुशी जताई है।
बिजनौर, जेएनएन। आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। सात साल लंबी लड़ाई के बाद देर से ही सही, पीड़ित परिवार को न्याय मिल गया है। दिल्ली की घटना में निर्भया के दरिदों को फांसी मिलने पर युवतियों और छात्राओं ने खुशी जताई है। हालांकि उनका कहना है कि नाबालिग बताकर छोड़ने वाले आरोपित को भी यही सजा मिलनी चाहिए थी।
बीस मार्च की सुबह इतिहास में दर्ज हुई है। सात साल पूर्व दिल्ली में निर्भया हुई दरिदगी में चार दरिदों को फांसी पर लटका दिया गया है। जिसके बाद सालों से उठ रही आवाज थम गई है। शुक्रवार सुबह खबर सुनते ही महिलाओं और युवतियों ने संतोष जताया है। उन्हें सात साल के इंतजार पर भी असंतुष्टि जताई है।
पूर्व प्रधानाचार्य मीना बख्शी का कहना है कि कोर्ट की सजा संतोष देती है। उनका अपराध इतना घिनौना था। इससे भी बदतर सजा उनकी होनी चाहिए थी। जिस आरोपित को नाबालिग बताकर छोड़ दिया गया। उसे भी बालिग की तरह सजा देनी चाहिए थी।
समाजसेवी आकांक्षा चौहान का कहना है कि सात साल इंतजार के बाद उन्हें एक अच्छी खबर मिली है। अब जाकर निर्भया के आत्मा को शांति मिलेगी।
रालोद नेत्री पूनम चौधरी ने बताया कि दरिदों की सजा से देश में सैकड़ों निर्भया के लिए उम्मीद की किरण है। सात साल बाद भले ही इंसाफ मिला है। चारों दरिदों की फांसी से लोगों से लड़ने को साहस मिला है। जिस तरह निर्भया के मां-बाप ने अंतिम दम तक यह जंग लड़ी है। उससे बाकी लोगों को उर्जा मिलेगी।
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कई पीड़िताओं को
इंसाफ का इंतजार
बिजनौर: निर्भया को भले ही इंसाफ मिल गया, लेकिन कई को इंसाफ की दरकार है। एक साल पूर्व किरतपुर थाना क्षेत्र में तीन साल की बच्ची की दरिदगी के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपित को उम्रकैद हुई। पीड़ित पक्ष ने अपील की है। उनका कहना है कि इस मामले में फांसी दी जानी चाहिए। वहीं दुष्कर्म के मामलों में भी कार्रवाई धीमी चलती है। मामले कोर्ट में लटके रहते हैं।