आपातकाल में भी नहीं देखी ऐसी व्यवस्था
अफवाह फैलाने वाले भी सबक लें और इस लड़ाई में अपना योगदान दें। संकट की इस घड़ी में सभी को अपने घरों पर रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन करना चाहिए। ---------------------
बिजनौर, जेएनएन। कोरोना को लेकर जिस तरह का माहौल देश बना हुआ है, ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा। वहीं आपातकाल में भी तत्कालीन सरकार ने जनता के लिए ऐसी व्यवस्था नहीं की थी। सिविल लाइन निवासी सेवानिवृत जिला सहायक अधिवक्ता हुकुम सिंह एडवोकेट ने लॉकडाउन पर कहा कि उनके जीवनकाल के साढ़े छह दशक में यह पहला मौका है, जब आम आदमी की जब जिदगी ठहर सी गई है। ट्रेन और बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है। सरकार ने दीगर जिलों में फंसे प्रवासी कामगारों के लिए बसों की व्यवस्था की थी, किंतु मुख्यमंत्री ने स्थिति पर कंट्रोल करने की नीयत से वह भी बंद कर दी। वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को चल रहे लॉकडाउन के लिए पूरा देश एक साथ खड़ा है। पूरा समाज इस आपत्ति का मुकाबला कर रहा है, जो एक सराहनीय कदम है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में जब ऐसे हालात बने तो उनके आह्वान पर पूरे देश की जनता ने रविवार के दिन भोजन नहीं किया था। अब इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश की जनता अपने घरों से बाहर नहीं निकल रही है। लॉकडाउन के समय घरों में सुरक्षित रहना है, साफ-सफाई भी बहुत जरूरी है। बच्चे एवं बुजुर्ग तो बिल्कुल ही घर से न निकलें। अफवाह फैलाने वाले भी सबक लें और इस लड़ाई में अपना योगदान दें। संकट की इस घड़ी में सभी को अपने घरों पर रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन करना चाहिए।