बिना इजाजत दीनी जलसे पर बसेड़ा में तनाव, पुलिस तैनात
चेतावनी दी। वहीं कार्यक्रम स्थल पर पुलिस तैनात कर दी। अल्पसंख्यक वर्ग के नवाब मंसूरी आदि ने बताया कि तहसील प्रशासन से गांव में तीन दिन के दीनी जलसा कराने की इजाजत मांगी गई थी ताकि इस कार्यक्रम के जरिए बच्चों को दीनी राह पर चलना सिखा सके और उन्हे अच्छे बुरे की पहचान कराई जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया की प्रशासन ने भाजपा नेताओ के दबाव में कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जबकि उन्हे हर वर्ष इजाजत मिलती रही हैं। दूसरी ओर विपिन जंघाला आदि का कहना हैं कि गांव में कार्यक्रम होने से शान्ति भंग होने का खतरा हैं।
बिजनौर, जेएनएन। ग्राम बसेड़ा में बिना अनुमति कराए जा रहे तीन दिवसीय दीनी जलसे का विरोध के चलते गांव में तनाव रहा। सूचना पर पहुंचे कोतवाल ने कहा कि गांव में कोई नई परम्परा शुरू नहीं होने दी जाएगी। वहीं ऐतिहात के तौर पर गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है।
ग्राम बसेड़ा में अल्पसंख्यक वर्ग के नवाब मंसूरी, तहसीन, नवाज शरीफ, हाजी अनीस तथा रईस आदि ने गांव में 17 से 19 जून तक गांव में तीन दिवसीय दीनी जलसा कराने की इजाजत लेने के लिए एसडीएम के यहां प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन ग्राम के भाजपा नेताओं और ग्रामीणों के विरोध की वजह से एसडीएम ने अनुमति नहीं दी। गांव में रमजान में रमजान माह में सहरी अैर ईफ्तारी के वक्त गोले छोडे़ जाने का भी विरोध हुआ था। वहीं रविवार की देर रात्रि एसडीएम उमेश मिश्रा और सीओ महेश कुमार गांव पहुंचे और दोनो पक्षों से वार्ता कर बिना इजाजत नई परम्परा शुरू नहीं करने की चेतावनी दी। वहीं अल्पसंख्यक वर्ग से प्रस्तावित कार्यक्रम को नहीं करने को कहा।
सोमवार की सुबह कार्यक्रम स्थल पर कुछ लोगों की भीड़ देखते ही भाजपा के युवा मार्चा के ब्लाक अध्यक्ष विपिन जंघाला, मुकेश कुमार, राजकुमार, अमित कुमार, मनीराम और दिलेराम ने पुलिस को सूचित कर दिया। सूचना पर कोतवाल अजय कुमार पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे और कार्यक्रम ना करने की चेतावनी दी। वहीं कार्यक्रम स्थल पर पुलिस तैनात कर दी। अल्पसंख्यक वर्ग के नवाब मंसूरी आदि ने बताया कि तहसील प्रशासन से गांव में तीन दिन के दीनी जलसा कराने की इजाजत मांगी गई थी, ताकि इस कार्यक्रम के जरिए बच्चों को दीनी राह पर चलना सिखा सके और उन्हे अच्छे बुरे की पहचान कराई जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया की प्रशासन ने भाजपा नेताओ के दबाव में कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी, जबकि उन्हे हर वर्ष इजाजत मिलती रही हैं। दूसरी ओर विपिन जंघाला आदि का कहना हैं कि गांव में कार्यक्रम होने से शान्ति भंग होने का खतरा हैं।
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