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मौत पर मौत.. आखिर कब जागेगा सिस्टम

बवाल में फंसे प्रशासन के लिए गुलदार भी मुसीबत का सबब बन गया है। गुलदार रोजाना लोगों को अपना निवाला बना रहा है और वन विभाग किसानों और मजदूरों को मरते देखा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 06:04 AM (IST)
मौत पर मौत.. आखिर कब जागेगा सिस्टम
मौत पर मौत.. आखिर कब जागेगा सिस्टम

बिजनौर, जेएनएन। बवाल में फंसे प्रशासन के लिए गुलदार भी मुसीबत का सबब बन गया है। गुलदार रोजाना लोगों को अपना निवाला बना रहा है और वन विभाग किसानों और मजदूरों को मरते देखा रहा है। विभागीय अफसर वही पुरानी लकीर पीट रहे हैं। चार लोगों की जान जाने के बाद भी धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है, इसकी बानगी गुरुवार को भी देखने को मिली। रेंजर समेत टीम कई घंटे बाद मौके पर पहुंची।

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आदमखोर गुलदार एक-एक कर सप्ताह में चार लोगों की जान ले चुका है। वन विभाग की टीम की ओर से अभी तक गुलदार से निपटने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। अभी तक यह भी पता नहीं लगाया जा सका कि चारों को मारने वाला एक ही जानवर है या अधिक। गुरुवार को खेत पर काम करने गए शफीक को भी निवाला बना लिया गया। वन विभाग तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचा। रेंजर शाम तक मौके पर पहुंचे। इसका आक्रोश भी उन्हें झेलना पड़ा। लोगों का आरोप है कि कई बार फोन करने के बाद भी टीम मौके पर नहीं पहुंची। गुलदार आसपास ही घूमता रहा। सवाल है कि आखिर सिस्टम कब जागेगा? कितनी और मौतों का इंतजार है। दहशत की वजह से लोग खेतों में जाने से डर रहे हैं। एक सप्ताह में चौथा शिकार बनाने के बाद भी वन विभाग लापरवाह बना हुआ है। विभाग पिजरे व कैमरे लगाने की बात कर पल्ला झाड़ रहा है। इसका कोई परिणाम सामने नहीं आया है।

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एक सप्ताह में चार

को बनाया शिकार

गुलदार ने पहला शिकार मंडावली के गांव प्रेमपुरी निवासी पांच वर्षीय चेतन को निवाला बनाया। इसके बाद नांगल थाना क्षेत्र के सराय आलम निवासी चमन पुत्र चंदू को मार डाला। बुधवार को किरतपुर के गांव असगरपुर निवासी शानू पुत्र हरि सिंह को अपना शिकार बनाया। उसके बाद गुरुवार को शफीक की जान ले ली।

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निशान किए जा रहे

हैं एकत्र: डीएफओ

डीएफओ डॉ. एम सेमरन ने कहा कि गुलदार को पकड़ने के लिए जंगल में पिजरे और कैमरे लगाए गए हैं। चारों घटनास्थल से निशान एकत्र किए जा रहे हैं। टीम निशानों का मिलान करेगी। इसके बाद पता चला पाएगा कि चारों दुर्घटनाओं में एक ही गुलदार है या नहीं। एक होने की पुष्टि होने पर ही उसे आमदखोर घोषित करने की प्रक्रिया की जाएगी। वहीं कैमरे से स्थान पर निश्चित होने पर ड्रोन का सहारा लिया जाएगा। गुलदार गन्ने के खेत में मिलता है तो वहां ड्रोन से उसकी घेराबंदी की जाएगी।

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हर एहतियाती कदम

उठा रहे हैं: डीएम

डीएम रमाकांत पांडेय ने कहा कि गुलदार के हमलों को लेकर प्रशासन गंभीर है। हर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। आज उन्होंने घटनास्थल समेत आसपास के इलाकों का भ्रमण किया है। मृतक के परिवार को चार लाख और दैवीय आपदा में एक लाख समेत कुल पांच लाख का मुआवजा दिया जाएगा। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वह अकेले जंगल में न जाएं। वन विभाग को पूरी तरह सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी कोशिश है कि वन्य जीव को भी नुकसान न पहुंचे और न ही कोई जनहानि हो। वन विभाग यह भी स्टडी कर रहा है कि यह एक ही जानवर है या अधिक। अगर एक ही जानवर के हमले की पुष्टि होती है तो नियमानुसार उसे नरभक्षी घोषित किया जाएगा।

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