मुस्लिम फंड का बोर्ड लगाकर ग्राहकों को ठग रहा था संचालक
नगीना में करोड़ों रुपए का घोटाला कर फरार होने वाले फैजी की ठगी का एक और रूप सामने आया है। फैजी अपनी शाखा के बाहर मुख्य द्वार पर मुस्लिम फंड का बोर्ड लगाकर ग्राहकों को खूब ठगता था जबकि असल नाम अल फैजान म्युचुअल बैनिफिट निधि लिमिटेड था। खातेदारों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस भी बेखबर थी।
बिजनौर, जेएनएन। नगीना में करोड़ों रुपए का घोटाला कर फरार होने वाले फैजी की ठगी का एक और रूप सामने आया है। फैजी अपनी शाखा के बाहर मुख्य द्वार पर मुस्लिम फंड का बोर्ड लगाकर ग्राहकों को खूब ठगता था, जबकि असल नाम अल फैजान म्युचुअल बैनिफिट निधि लिमिटेड था। खातेदारों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस भी बेखबर थी।
क्षेत्र के लोगों का करोड़ों रुपये लेकर फरार होने वाले अल फैजान म्युचुअल बैनिफिट निधि लिमिटेड के मालिक मोहम्मद फैजी का पुलिस करीब सात दिन बाद भी कोई कुछ सुराग नहीं लगा सकी है। एक सप्ताह में ठगी का शिकार बनने वालों की शिकायतें 300 से पार पहुंच गई है। पड़ताल में फैजी का अपने नए और पुराने खाताधारकों के साथ ठगी करने का एक और नया पहलू सामने आया है। फैजी अपनी नगीना व शेरकोट स्थित शाखाओं के मुख्य गेट के बाहर अल फैजान मुस्लिम फंड का बोर्ड लगाकर रखता था, जिससे ग्राहक प्रभावित होकर अपना खाता उसकी शाखा में खुलवा लेते थे। भोले वाले ग्राहकों को क्या पता था कि वह मुस्लिम फंड शाखा में नहीं बल्कि अल फैजान म्युचुअल बैनिफिट निधि लिमिटेड में अपना खाता खुलवा रहे हैं।
इस बात से अभी तक स्थानीय अधिकारी व पुलिस भी बेखबर थी। फैजी निधि के नाम पर फर्जी अल फैजान मुस्लिम फंड चला रहा है। शाखा की तलाशी में भी सिर्फ पुलिस को अल फैजान म्युचुअल बैनिफिट निधि लिमिटेड से संबंधित सैकड़ों पासबुक ही मिली हैं। सर्च में मुस्लिम फंड से संबंधित कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया।
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अन्य मुस्लिम फंड के बारे में कर रहे जानकारी
नगर में चर्चा है कि इस घटना के बाद से संचालित अन्य मुस्लिम फंड के खाताधारकों का कुछ विश्वास डगमगाया है। हालांकि संचालक इससे इंकार कर रहे हैं। नगर में संचालित इस्लामी जदीद बैतूलमाल के प्रबंधक तनवीर आलम ने बताया कि उनकी शाखा 1972 से संचालित हो रही है और शाखा के करीब 30 हजार से अधिक खाताधारक हैं। नगर के मोहल्ला आकाबरान में संचालित कौमी मुस्लिम फंड के प्रबंधक इसरार अहमद ने बताया कि उनकी शाखा के करीब 12 हजार खाताधारक हैं। शाखा वर्ष 1984 से संचालित है। उनका कहना है कि खाताधारकों पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।