दिसंबर के बवाल में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध
बिजनौरजेएनएन। बीस दिसंबर को हुए बवाल में कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज पठान की भूमिका संदिग्ध रही। पुलिस बुधवार दोपहर कचहरी परिसर से उठाकर उन्हें थाने ले गई और तीन घंटे पूछताछ की।
दिसंबर के बवाल में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध
बिजनौर,जेएनएन। बीस दिसंबर को हुए बवाल में कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज पठान की भूमिका संदिग्ध रही। पुलिस बुधवार दोपहर कचहरी परिसर से उठाकर उन्हें थाने ले गई और तीन घंटे पूछताछ की।
शेरबाज पठान बुधवार दोपहर किसी मामले में कचहरी परिसर में आए थे। इसी बीच वहां पहुंची शहर कोतवाली व चांदपुर पुलिस उन्हें शहर कोतवाली ले गई। काफी समर्थक थाने पहुंच गए। बिजनौर और चांदपुर पुलिस ने उनसे तीन घंटे से ज्यादा पूछताछ की। देर शाम उन्हें धारा 41 (आवश्यकता पड़ने पर दोबारा आना पड़ेगा) के नोटिस पर छोड़ दिया गया।
एसपी सिटी लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि 20 दिसंबर को हुए बवाल में शेरबाज पठान की संदिग्ध भूमिका मिली है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उन्होंने बवाल के लिए लोगों को भड़काया। सोशल मीडिया के जरिए भी कुछ बवालियों के संपर्क में रहे। पुलिस के मुताबिक, पठान ने चांदपुर व बिजनौर में बवाल की रूपरेखा तय की थी। इसके कुछ साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें पुख्ता करने के लिए उनसे पूछताछ की गई है। जानकारी मिली है कि बवाल के लिए दो शिक्षण संस्थाओं से छात्र बाहर से बिजनौर आए थे। जांच की जा रही है कि कहीं इसमें भी तो शेरबाज की भूमिका नहीं रही। हालांकि, अभी तक इस दिशा में मजबूत साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस को घंटों पूछताछ के बाद कुछ अहम जानकारी मिली है। उन प्वाइंट्स पर पुलिस जांच कर रही है। फंडिग से जुड़े कुछ लोग शेरबाज के संपर्क में थे। पुलिस पूछताछ करके पुख्ता करना चाहती है कि इस नेटवर्क के पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं है। एसपी सिटी का कहना है कि उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
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मैं एक राष्ट्रीय पार्टी का जिलाध्यक्ष हूं। कांग्रेस पीड़ितों की आवाज उठाती आई है, इसलिए सरकार के इशारे पर उनकी आवाज दबाई जा रही है। पुलिस के जरिए विपक्षियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पुलिस के पास मेरे खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। मैंने किसी संदिग्ध से भी कोई बात नहीं की है।
-शेरबाज पठान, कांग्रेस जिलाध्यक्ष