13बिज-8, जनप्रतिनिधियों और पुलिस का टकराव खत्म हो: मलूक
बिजनौर के सांसद मलूक नागर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच हुए टकराव को समाप्त कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस के कुछ अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया है।
बिजनौर, जेएनएन। बिजनौर के सांसद मलूक नागर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच हुए टकराव को समाप्त कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस के कुछ अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया है। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ फर्जी मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं। इन मुकदमों को समाप्त किया जाना चाहिए।
सांसद मलूक ने कहा कि कोरोना वायरस की बीमारी की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने 12 मार्च को संसद में उठाया था कि कि विदेशों से आने वाले लोगों पर रोक लगाई जानी चाहिए थी। अगर वह लोग नहीं आते तो दिल्ली मरकज और कनिका कपूर जैसे मामले सामने नहीं आते। सरकार की इस गलती की सजा जनता भुगत रही है। वहीं कानून की आड़ में पुलिस जनप्रतिनिधियों और उनके परिजनों से अभद्र व्यवहार कर रही है। थानों में फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। दो दिन पहले मेरठ पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविदर गुर्जर के पिता एवं जनप्रतिनिधि मुखिया गुर्जर के खिलाफ ही रिपोर्ट दर्ज करा दी, जबकि उनके पुत्र कुलविदर ने कोरोना माहमारी से बचाव और आम लोगों की सहायता के लिए 1.21 करोड़ रुपये कोविड केयर फंड में दिए। पुलिस अधिकारियों को कोरोना से बचाव को 141 पीपीई किट दी। मेरठ के कसेरू बक्सर टैम्पों स्टैंड पर सिखेड़ा निवासी वरिष्ठ समाजसेवी जयगणेश वर्मा के भाई प्रदीप से पुलिस ने बदसलूकी की, जबकि वह दवाई लेने के लिए घर से निकले थे। उन्होंने गरीबों और मजलूमों को राशन बांट रहे पिछड़ा वर्ग के कद्दावर नेता अतुल प्रधान के खिलाफ भी पुलिस ने फर्जी मुकदमे दर्ज किए हैं। जनप्रतिनिधियों और पुलिस के बीच इस टकराव को समाप्त किया जाना चाहिए।