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    अब जहरीली हवा से दम नहीं घुटेगा, फसल अवशेष से बनेगी CNG; यूपी में यहां लगेगा सबसे बड़ा प्लांट

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 07:00 AM (IST)

    बिजनौर में किसानों के खेतों में अब फसल अवशेष जलाने के बजाय उनसे सीएनजी बनाई जाएगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा सीबीजी प्लांट बिजनौर में लगने जा ...और पढ़ें

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    अजीत चौधरी, बिजनौर। किसानों के खेतों में फसल अवशेष अब जलाने के बजाए उनसे गलाकर सीएनजी बनाई जाएगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस) प्लांट बिजनौर में लगने जा रहा है।

    प्रोजेक्ट का बजट करीब 250 करोड़ रुपये का होगा। दो अलग कंपनियों ने प्लांट के लिए भूमि खरीद भी ली है। कंपनी किसानों के खेतों से फसलों के अवशेष उठाएगी। इसके अलावा नेपियर चारे की बुआई कराकर उसे खरीदेगी। इससे किसानों के लिए नेपियर चारा भी नगदी फसल बन जाएगी।

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    बिजनौर जनपद की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार खेती-किसानी है। यहां गन्ना, गेहूं, धान प्रमुख फसलें हैं। इसके अलावा किसान सब्जियों की खेती भी खूब करते हैं। गन्ने, गेहूं और धान की एक खास बात यह है कि इन फसलों के काफी अवशेष खेतों में रहता है।

    काफी किसान पहले इन्हें जला देते थे लेकिन पिछले साल फसल अवशेष जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया। किसान फसल अवशेष गलाकर खाद बना रहे हैं। हालांकि कुछ किसान अभी भी इन फसल के अवशेष को किसी न किसी रूप में खेत से बाहर ही फेंक देते हैं।

    कुछ भी बड़ी तादाद में जलते हैं तो हवा की गुणवत्ता भी खराब होती है। अब यह फसल के अवशेष अब सीएनजी बनाने के काम आएंगे। एक कंपनी फसल के अवशेष से सीएनजी बनाने के लिए जिले में 250 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। इसकी क्षमता 25 टीडीपी (थर्मल डिजाइन पावर) रहेगी। इसके अलावा सुपर नेपियर चारे जैसी फसल खरीदकर उससे भी सीएनजी बनाई जाएगी।

    कम होगी पेट्रोलियम पदार्थों की खपत

    सरकार द्वारा ग्रीन एनर्जी से जनता को जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है ताकि पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता कम हो। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन और सीएनजी का सहारा लिया जा रहा है। इन्हें बनाना सस्ता भी है और यह हर तरह के प्रदूषण से मुक्त होती हैं। जिले में इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाले वाहनों की कमी नहीं है।

    वाहनों में प्रयोग होगी सीएनजी

    सीएनजी का प्रयोग वाहनों में किया जाता है। यह फसलों के अवशेष को गलाकर बनाई जाती है। सीएनजी बनने के बाद जो अपशिष्ट बचते हैं उसे जैविक खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है। कुल मिलाकर सीबीजी प्लांट पर्यावरण और वाहन दोनों के लिए किफायती है।

    नगीना व नजीबाबाद में खरीदी गई भूमि

    धामपुर में लगने वाले सीबीजी प्लांट के लिए भूमि चिह्नित की जा रही है। नगीना और नजीबाबाद में भी लगभग 110 करोड़ की लागत के दो प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके लिए दोनों स्थानों पर भूमि खरीद भी ली गई है। जल्दी ही इन पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

    किसानों को पहले ही फसल अवशेष न जलाने को जागरूक किया जा रहा है। सीबीजी प्लांट लगने से किसानों को और लाभ होगा। नेपियर किसानों की खेती किसानों को और फायदा पहुंचाएगी।
    जसवीर सिंह तेवतिया, जिला कृषि अधिकार

    दो सीबीजी प्लांट के लिए जिले में भूमि खरीद ली गई है। एक प्लांट के लिए संबंधित फर्म भूमि की तलाश कर रही है। खेती से जुड़े उद्योग आने से किसानों को भी फायदा होगा।
    अमित कुमार, उपायुक्त उद्योग