बदल रहा मौसम का मिजाज, धरतीपुत्र चितित
लगातार बढ़ रहे तापमान ने किसानों के माथे पर पसीना ला दिया है। पिछले दो दिनों से मौसम बार बार बदल रहा है। शनिवार सुबह बारिश की बौछार एवं रविवार सुबह आसमान में बादल छाने और कहीं-कहीं बौछार होने से तापमान में गिरावट हुई है।
बिजनौर, जागरण टीम। लगातार बढ़ रहे तापमान ने किसानों के माथे पर पसीना ला दिया है। पिछले दो दिनों से मौसम बार बार बदल रहा है। शनिवार सुबह बारिश की बौछार एवं रविवार सुबह आसमान में बादल छाने और कहीं-कहीं बौछार होने से तापमान में गिरावट हुई है। मौसम में गर्माहट होने तथा मौसम बदलने से किसानों को डर है कि ऐसे में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो गई तो गेहूं, सरसों आदि फसल बर्बाद हो जाएंगी। बदलते मौसम में अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज गई है, जबकि न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी हुई। किसान विजयपाल सिंह, धर्मवीर सिंह धनकड़ का कहना है कि मौसम में अचानक ऐसा बदलाव आया है। फसल की अच्छी वृद्धि के लिए फरवरी-मार्च में मौसम में हल्की ठंडक होना जरूरी है।
चांदपुर : फरवरी माह समाप्ति के साथ ही मौसम खासा गर्म होने लगा है। सुबह-शाम के समय भी ठंड गायब हो गई है। अचानक मौसम में आए परिवर्तन से गेहूं व सरसों की फसल पर प्रभाव पड़ने की आशंका है। उधर, दो दिनों से मौसम खराब होने के आसार से किसानों की चिता और अधिक बढ़ गई है। किसानों का मानना है कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ यदि ओलावृष्टि होती है तो उन्हें काफी नुकसान हो सकता है। रविवार को जनपद का अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 14.8 डिग्री सेल्सियस मापा गया जबकि शनिवार को जनपद का अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस और 10.0 डिग्री सेल्सियस मापा गया था।
किसान रावेंद्र सिंह, हरिओम सिंह, विनेश कुमार, सोमपाल सिंह आदि का कहना है कि यदि मौसम इस तरह ही गर्म रहा तो गेहूं की पैदावार पर असर पड़ेगा। समय-समय पर सिचाई करनी पड़ेगी। फसल तैयार होने तक कम से कम तीन बार सिचाई आवश्यक है। देखा जा रहा है कि जहां गर्मी पड़ रही है वहीं, दो दिनों से मौसम भी गड़बड़ा रहा है। यदि ऐसे में ओले पड़ने के साथ तेज बारिश होती है तो गेहूं के साथ-सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचेगा। हालांकि हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहा तो फायदेमंद साबित होगी।