बॉटम सरकारी दफ्तरों में बदल गया बैठने का ढंग
कोरोना संक्रमण से बचाव को शारीरिक दूरी और मास्क का प्रयोग बेहद जरूरी है। सरकारी कार्यालयों में दोनों नियमों का पालन किया जा रहा है। कलक्ट्रेट के सभी अनुभागों में सीटिग प्लान बदलने के साथ-साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। उधर चिकित्सकों की मानें तो बचे और श्वांस रोगी एन-99 मास्क का प्रयोग कर सकते हैं।
बिजनौर जेएनएन। कोरोना संक्रमण से बचाव को शारीरिक दूरी और मास्क का प्रयोग बेहद जरूरी है। सरकारी कार्यालयों में दोनों नियमों का पालन किया जा रहा है। कलक्ट्रेट के सभी अनुभागों में सीटिग प्लान बदलने के साथ-साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। उधर, चिकित्सकों की मानें तो बच्चे और श्वांस रोगी एन-99 मास्क का प्रयोग कर सकते हैं।
लॉकडाउन और अनलॉक-1 की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी, अर्द्ध सरकारी दफ्तरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, औद्योगिक इकाईयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों समेत आम जनमानस के लिए मुंह पर मास्क लगाने, शारीरिक दूरी का पालन करने, हाथ धोने के लिए पानी और साबुन और सैनिटाइजर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। लॉकडाउन के दौरान 33 फीसदी कर्मचारियों एवं अनलॉक-1 के तीसरे सप्ताह में जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। वहीं अवशेष कर्मचारियों को ऑनलाइन रहने की हिदायत दी गई कि आवश्यकता के मुताबिक उन्हें ड्यूटी पर बुलाया जा सके। इस आदेश के बाद कलक्ट्रेट के सभी अनुभागों में शारीरिक दूरी के नियमानुसार सीटिग प्लान किया गया है। इसके अलावा ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारी थ्री लेयर मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। इसके अलावा कलक्ट्रेट मीटिग हॉल के सामने सैनिटाइजर टनल बनी हुई है। स्वयं डीएम, एडीएम और एसडीएम भी अपने-अपने कार्यालयों में मास्क लगाकर बैठते हैं और सीटिग प्लान के अनुसार बैठे फरियादियों की फरियाद सुनते हैं।
उधर, फिजीशियन डा. राहुल विश्नोई का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को स्वस्थ व्यक्ति के लिए थ्री लेयर, छोटे बच्चे और श्वास रोगियों के लिए एन-95 अथवा एन-99 मास्क का प्रयोग कर सकते हैं। उधर, डीएम रमाकांत पांडेय का कहना है कि सरकारी कार्यालयों में मास्क लगाने, शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ-साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है।