सुणी पुकार दातार प्रभु गुरुनानक जग माहि पठाया..
सुणी पुकार दातार प्रभु गुरुनानक जग माहि पठाया.. -सिखों समेत विभिन्न धर्मों के लोगों ने श्रद्धापूर्वक मनाया गुरुनानक देव प्रकाशोत्सव बिजनौर जेएनएन। सिख धर्म के संस्थापक महान परोपकारी समाज सुधारक एवं चितक गुरुनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव अपार श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। आयोजन में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों समेत विशिष्ट सेवाओं को निभाने वाले लोगों को सम्मानित किया गया।
बिजनौर, जेएनएन। सिख धर्म के संस्थापक, महान परोपकारी, समाज सुधारक एवं चितक गुरुनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव अपार श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। आयोजन में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों समेत विशिष्ट सेवाओं को निभाने वाले लोगों को सम्मानित किया गया।
गुरुद्वारा नानकशाही श्री गुरु सिंह सभा में मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अवतार सिंह के निर्देशन में अखंड पाठ के समापन पर सजे विशेष दीवान में हुजूरी रागी कुलदीप सिंह, लुधियाना से आए जत्थे में हिम्मत सिंह, बीबी नरिदर कौर ने गुरुबाणी कीर्तन का गायन किया। सतगुरु नानक प्रगटिया मिटी धुंध जग चानण होआ.., धन नानक तेरी वडी कमाई.., जाहर पीर जगत गुरु बाबा.. सरीखे शबद का संगत ने सुमिरन किया। कथावाचक एवं धर्म प्रचारक ज्ञानी सुखदेव सिंह ने कहा कि गुरुनानक देव का जीवन दर्शन मानव कल्याण के प्रयास के लिए प्रेरित करता है। समाज से ऊंच-नीच, जात-पात के भेदभाव को मिटाने, किसी भी रूप में अपने आराध्य की स्तुति करते हुए मेहनत कर रोजी-रोटी कमाने और मिल बांटकर खाने की प्रेरणा गुरु नानक साहिब से ही मिलती है।
मुख्य ग्रंथी ज्ञान अवतार सिंह ने कहा कि गुरुनानक के बाल सखा मरदाना धर्म से मुस्लिम थे और उम्र में गुरुनानक से बड़े थे। मरदाना के पिता मरदाना को कहते थे कि वे नानक का हाथ पकड़कर रखें, वह कहीं भटक न जाए। गुरुनानक की मरदाना पर ऐसी कृपा हुई कि धर्म के भेद को मिटाते हुए दोनों एक रूप हो गए। उन्होंने कहा कि गुरुनानक की चलाई परंपरा और मर्यादा का अनुसरण कर जीवन को संवारा जा सकता है। अनंद साहिब के पाठ, अरदास एवं हुकुमनामे के साथ विशेष दीवान के समापन पर प्रसाद एवं लंगर वरताया गया।
इससे पहले समाजसेवी त्रिलोचन सिंह सोबती की ओर से एसडीएम संगीता, सीओ प्रवीण कुमार सिंह, थाना प्रभारी संजय पांचाल, चेयरपर्सन पति मुअज्जम खां, भाजपा नेता राजीव अग्रवाल, एसआइ कुमरेश त्यागी एवं विशिष्ट सेवाओं के लिए जसवीर सिंह, नरेंद्र सिंह वाधवा, गुरमीत सिंह धवन, जसवीर सिंह वाधवा, मनमोहन सिंह कोहली, गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान बलबीर सिंह, सचिव जितेंद्र कक्कड़ आदि को सिरोपा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।