संक्रमण के बीच व्यापार को मिली छूट, चुनौती कम नहीं
लॉक डाउन-4 में प्रशासन द्वारा छूट देने पर व्यापारी वर्ग ने राहत की सांस ली है। करीब दो माह बाद अब उद्यमी और छोटे-बड़े व्यापारी अपने व्यापार को पटरी पर लाने के लिए कमर कस चुके हैं।
बिजनौर जेएनएन।लॉकडाउन-4 में प्रशासन द्वारा छूट देने पर व्यापारी वर्ग ने राहत की सांस ली है। करीब दो माह बाद अब उद्यमी और छोटे-बड़े व्यापारी अपने व्यापार को पटरी पर लाने के लिए कमर कस चुके हैं, लेकिन वर्तमान में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच उनके सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। प्रशासन ने व्यापारियों को राहत देते हुए दुकानें खोलने की छूट दी है।
पिछले सप्ताह से लॉकडाउन में मिली छूट के साथ बाजार खुल रहे हैं। इतने दिनों से बाजार बंद रहने से आम जनता के भी काम रुके हुए थे, ऐसे में बाजार खुलने से अचानक भीड़ में बढ़ोतरी हो गई है। छोटे उद्यमी और व्यापारी बेपटरी हुए अपने व्यापार को संभालने की कोशिश में लगे हैं। हालांकि उन्हें अभी इसके लिए कई प्रयास करने होंगे। पिछले काफी समय से बाजार बंद होने मांग बिल्कुल शून्य हो गई है। वहीं ट्रांसपोर्ट की भी व्यवस्था में भी पूरा सुधार न होने से व्यापारी नया माल नहीं मंगा पा रहे हैं। अभी उनके सामने कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हैं।
--
श्रमिकों की व्यवस्था
बनी चुनौती
धामपुर क्षेत्र में खादी, ब्रश, टैक्सटाइल, साबुन और लोहा उद्योग की इकाइयां विद्यमान हैं। जिनमें निर्माण में अधिकांश श्रमिक बाहर के हैं। खादी व लोहा उद्योग में स्थानीय कारीगर और मजदूर लगे हैं, बाकी में अधिकांश बाहर के क्षेत्रों के हैं। लॉकडाउन के दौरान सभी अपने घरों को चले गए हैं। लॉकडाउन में छूट के बाद फिलहाल श्रमिक वापस लौटने के मूड़ में नहीं हैं, ऐसे में स्थानीय उद्यमियों के सामने बड़ी चुनौती है। उन्होंने निर्माण इकाई खोल तो ली है, लेकिन उसमें काम पहले की तरह शुरू नहीं हो पाया है। कुछ श्रमिकों की मदद से ही उद्यमी धीरे-धीरे काम शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं।
--
संक्रमण के डर
के बीच व्यापार
व्यापारी बाजार खुलने से खुश तो हैं, लेकिन उनके मन में कई प्रकार की आशंकाएं घर कर गई हैं। पिछले कुछ दिनों में तहसील धामपुर में लगातार कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में व्यापारियों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। कुछ व्यापारी इस छूट के मिलने पर खुशी जता रहे हैं, लेकिन कुछ इस बात को भी कह रहे हैं कि अभी भी खतरा बना हुआ है। व्यापारी महेंद्र धनौरिया, सरदार सतवंत सिंह सलूआ और जितेंद्र गोयल आदि का कहना है कि व्यापारियों को अपने व्यापार के साथ स्वयं का भी ख्याल रखना है।
--
सभी दिन दुकानें
खोलने की मांग
वर्तमान में चल रही बाजार खोलने की व्यवस्था से व्यापारी खुश नजर नहीं आ रहे हैं। इस समय प्रशासन ने एक-एक दिन छोड़ कर अलग-अलग दुकानदारों का दिन निर्धारित किया है। जिससे सप्ताह में केवल दो-तीन दिन ही एक दुकान खुल पा रही है। व्यापारियों का कहना है कि दो महीने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें रोजाना दुकान खोलने की अनुमति दी जाए। इसमें मिठाई, कपड़े और अन्य दुकानदार शामिल हैं।