श्रमिकों के मेधावी हो रहे लाभान्वित
लॉकडाउन में श्रमिक तबका ज्यादा प्रभावित हुआ है। सरकार की श्रमिक उत्थान योजनाओं का लाभ पंजीकृत श्रमिकों में से कुछ को ही मिल पाया है। आपदा राहत योजना के तहत जनपद में कुल 1.40 लाख पंजीकृत श्रमिकों में से केवल 94 हजार श्रमिकों को एक हजार रुपये की पहली किस्त मिली है। वहीं श्रम विभाग द्वारा अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को चिहित करने का कार्य जारी है। नजीबाबाद में अब तक 297 प्रवासी मजदूरों को चिहित किया जा चुका है।
बिजनौर जेएनएन। लॉकडाउन में श्रमिक तबका ज्यादा प्रभावित हुआ है। सरकार की श्रमिक उत्थान योजनाओं का लाभ पंजीकृत श्रमिकों में से कुछ को ही मिल पाया है। आपदा राहत योजना के तहत जनपद में कुल 1.40 लाख पंजीकृत श्रमिकों में से केवल 94 हजार श्रमिकों को एक हजार रुपये की पहली किस्त मिली है। वहीं श्रम विभाग द्वारा अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को चिन्हित करने का कार्य जारी है। नजीबाबाद में अब तक 297 प्रवासी मजदूरों को चिन्हित किया जा चुका है।
कोरोना काल में उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिक उत्थान के लिए योजनाएं क्रियान्वित कीं। जनपद में 1.40 लाख पंजीकृत श्रमिकों में से 94 हजार को एक-एक हजार रुपये की पहली किस्त और 40 हजार श्रमिकों को दूसरी किस्त जारी की जा चुकी है। जनपद बिजनौर के हजारों प्रवासी कामगार महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड सहित कई प्रदेशों में काम करते थे। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते अब ये श्रमिक अपने गृह जनपद लौट आए हैं। अभी भी यह सिलसिला जारी है। श्रमिक आर्थिक मदद के लिए श्रम विभाग के चक्कर काट रहा है। श्रम विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बस स्टैंड, क्वारंटाइन सेंटर पहुंचकर स्थानीय प्रवासी मजदूरों को चिन्हित कर रहे हैं। प्रवासी कामगारों को चिन्हित करने के लिए गांव-गांव में सर्वे कराया जा रहा है।
मेधावी छात्र योजना का मिला लाभ
गांव बसेड़ा निवासी श्रमिक हेतराम का कहना है कि उनके पुत्र अंशुल ने कक्षा 11 में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे। उन्होंने श्रम विभाग में मेधावी पुरस्कार योजना के तहत आवेदन किया तो उन्हें दो किस्तों में आठ हजार रुपये की धनराशि प्राप्त हुई। हाल ही में आपदा राहत योजना के तहत उन्हें पहली किस्त के रूप में एक हजार रुपये मिले हैं। इस लाभ ने उसके परिवार को संभाला है। वहीं, गांव रानीपुर नंगला निवासी चंदन सैनी का कहना है कि उनके पुत्र रोहित ने कक्षा पांच और पुत्री श्वेता ने कक्षा सात में 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। श्रम विभाग में आवेदन करने पर योजना का लाभ मिला। हाल ही में एक हजार रुपये आने से परिवार में खुशी का माहौल हैं।
इनका कहना है
श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को आर्थिक मदद के तौर पर एक-एक हजार रुपये की किस्त जारी की जा चुकी है। ये किस्त तीन महीने तक दी जाएगी। गृह जनपद में लौटे प्रवासी कामगारों को चिन्हित कर उन्हें भी जल्द आर्थिक मदद दी जाएगी।
-अरविद धीमान, श्रम प्रर्वतन अधिकारी नजीबाबाद।