बालीवुड में चमकना चाहता है तरुण
जलीलपुर (बिजनौर) : यदि हौंसला और जुनून हो तो पहाड़ सरीखा लक्ष्य भी आसान हो जाता है और बड़े सपने को काम
जलीलपुर (बिजनौर) : यदि हौंसला और जुनून हो तो पहाड़ सरीखा लक्ष्य भी आसान हो जाता है और बड़े सपने को कामयाबी के नायाब पंख लग जाते हैं। ऐसा ही जुनून लेकर गांव सिसौना का एक छोरा अपने अभिनय का लोहा मनवा रहा है। कई देहाती फिल्मों में अभिनय करने के बाद अब उसका सपना बॉलीवुड में पहुंचने का है।
27 वर्षीय तरुण देहाती फिल्मों के बाद बॉलीवुड में धमाल मचाने को बेकरार है। चांदपुर तहसील क्षेत्र के सिसौना गांव में वर्ष 1994 में किसान अजयवीर ¨सह के घर जन्में तरुण को बचपन से ही फिल्मों से लगाव था। फिल्मों में जाने के लिए उसने घर पर टीवी से एवं गांवों तथा स्कूलों में होने वाले लघुनाटकों में अभिनय सीखना शुरू किया। तरुण का सपना बड़े पर्दे पर जाने का था। कोई रास्ता न मिलने के कारण वह गांव में टीवी पर प्रदर्शित कलाकारों की कॉपी कर अभिनय करने में जुटा रहता था। तरुण ने जैसे-तैसे देहाती फिल्म के हीरो उत्तर कुमार से संपर्क किया। अब वह हरियाणा फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहा है। तरुण ने हरियाणवी फिल्म कट्टो, कुंवर साहब, पल दो पल का प्यार आदि फिल्मों में उत्तर कुमार के साथ काम शुरू किया। अब वह नजर चुराके, डेली तीन पैक, देशी ऊंट, लफंगे एलबम में काम करने के बाद देहाती फिल्मों की हिरोइन कविता जोशी के साथ एक हरियाणवी फिल्म विकास की बहु में उत्तर कुमार के दोस्त का किरदार निभा रहा है। फिल्म की कहानी में वह खराब सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ते नजर आएगा। फक्कड़ फिल्म से मिला पहला मौका
तरुण को देहाती फिल्म फक्कड़ में अभिनय का मौका मिला। तब से तरुण कई देहाती फिल्मों में उत्तर कुमार के साथ काम कर चुका है। इस समय वह हरियाणा में विकास की बहू फिल्म के लिए दिन-रात काम कर रहा है। चांदपुर से ग्रहण की शिक्षा
वर्ष 2010 में तरुण ने ऋषि दयानंद सरस्वती जूनियर हाईस्कूल चांदपुर से हाईस्कूल किया और 2012 में ¨हदू इंटर कॉलेज चांदपुर से इंटर की परीक्षा पास की। 2015 में तिगरी स्थित एसपी डिग्री कालेज से स्नातक शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह देहाती फिल्मों में ए¨क्टग करने लगा। नायक की भूमिका चाहता है तरुण
तरुण ने बताया कि पहले उसे खलनायक बनना ज्यादा पसंद था, लेकिन अब नायक बनना ज्यादा पसंद आने लगा है। बताया कि यदि मनुष्य को किसी कार्य को करने की भूख हो तो वह अपने सपनों की मंजिल पा ही लेता है। वह बालीवुड में जाने के अपने सपने को पूरा करने के लिए लगातार मेहनत कर रहा है। एक दिन उसे सफलता जरूर मिलेगी।