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बिजनौर में गंगा नदी में नाव पलटने से एक और महिला की मौत, अब तक आठ लापता

बिजनौर के गांव राजारामपुर के सामने ग्रामीणों से भरी नाव गंगा में पलटने से नाव में सवार 32 लोग बह गए। इनमें एक की मौत हो गई और सोलह लापता हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 04:08 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 09:46 PM (IST)
बिजनौर में गंगा नदी में नाव पलटने से एक और महिला की मौत, अब तक आठ लापता
बिजनौर में गंगा नदी में नाव पलटने से एक और महिला की मौत, अब तक आठ लापता

बिजनौर (जेएनएन)। नाव हादसे में शनिवार को जीवित निकाली गई महिला की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। शुक्रवार को हादसे वाले दिन एक महिला की डूबने से मौत हो गई थी। मरने वालों की संख्या बढ़कर दो हो गई है, जबकि आठ लोग अब भी लापता हैं। दिनभर एनडीआरएफ, पीएसी टीमें उनकी तलाश की गई, हेलीकॉप्टर का भी सहारा लिया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। डीएम अटल कुमार राय ने बताया कि दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। ऑपरेशन जारी है। घटनास्थल पर एंबुलेंस के देरी से पहुंचने की बात सामने आई थी। सीएमओ को ताकीद किया गया। दोनों मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता की राशि खातों में ट्रांसफर कर दी गई।

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बताते चलें कि शुक्रवार को बिजनौर के ग्राम राजारामपुर और डैबलगढ़ के पास ग्रामीणों को लेकर लौट रही नाव गंगा में पलट गई थी। नाव में महिलाओं समेत 27 लोग सवार थे। 17 लोगों को रावली के पास स्थानीय लोगों ने निकाल लिया। महिला नगीनी की डूबने से मौत हो गई थी। शनिवार सुबह फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। एनडीआरएफ की चार और पीएसी की 10 टीमों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय युवा ट््यूब लेकर गंगा में उतर पड़े। करीब दस किमी लंबाई में गंगा की गहनता से छानबीन की गई, लेकिन निराशा ही हाथ लगी।

युवाओं ने व्यवस्था को दिखाया आईना
चौबीस घंटे में लचर सरकारी व्यवस्था जगजाहिर हो गई। सरकारी अमला सड़कों पर रेंगता रहा। एनडीआरएफ व पीएसी के गोताखोर भी लगे रहे। लाखों रुपये खर्चने के बावजूद प्रशासन एक भी लापता को नहीं खोज पाया। अभी तक बचाए गए 17 लोगों के तारणहार ग्रामीण युवा ही हैं। महिला का शव भी ग्रामीणों ने ही बरामद किया था। रावली और आसपास के युवाओं की टोली ने ही कई किलोमीटर दूर 17 लोगों को बचा लिया था। आठ महिलाएं अभी तक लापता हैं। पंद्रह युवाओं की टोली शुक्रवार दोपहर से ट््यूब के सहारे लापता लोगों की तलाश कर रही है। शनिवार सुबह उन्होंने मीना को तलाश भी लिया।

कुदरत से जीती, व्यवस्था से हारी जिंदगी
दिल दहला देने वाले जिस हादसे पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया हो, वहां हाकिमों की लापरवाही ने शर्मसार कर दिया। बचाव ऑपरेशन स्थल पर न तो चिकित्सक तैनात किए गए और न ही एंबुलेंस का इंतजाम। कुदरत से तो माया जीत गई थी, लेकिन व्यवस्था के चक्रव्यूह में फंसकर वह जिंदगी की जंग हार गई।
शुक्रवार दोपहर नाव पलटने के बाद उफनती गंगा में मीना लगभग 20 घंटे तक जिंदगी की जंग लड़ती रही। शनिवार सुबह उसे जीवित निकाल भी लिया गया। हालत अति गंभीर होने के कारण उसे तुरंत चिकित्सीय सहायता जरूरी थी, लेकिन मौके पर न तो कोई चिकित्सक और न ही एंबुलेंस उपलब्ध थी।

काफी इंतजार के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो मीना का भतीजा ब्रजपाल उसे बाइक से अस्पताल ले जाने लगा। एक दारोगा ने पूछताछ के लिए उसे रास्ते में रोक लिया। महिला की जान बचाने की बजाय उसने जांच-पड़ताल ज्यादा जरूरी समझी। वह उन्हें काफी देर तक उलझाए रखा। परिजन किसी तरह मीना को लेकर अस्पताल पहुंचे, तब तक उसकी जान जा चुकी थी। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने दावा किया है कि मीना की मौत शुक्रवार की शाम ही हो गई थी।

शुक्रवार दोपहर गांव डेबलगढ़ राजारामपुर निवासी 32 ग्रामीण गंगा पार अपने खेतों से नाव में चारा लेकर लौट रहे थे। इनमें आठ पुरुष व 24 महिलाएं थीं। राजारामपुर से कुछ ही दूरी पर नाव पलट गई। जिसमें सवार सभी लोग बहने लगे। सभी आठ पुरुष जैसे-तैसे तैरकर निकल गए। वहीं छह महिलाएं बहकर दूर रावली क्षेत्र में पहुंच गई, जहां गांव रावली के ग्रामीण गोताखोरों ने उन्हें निकाल लिया। तीन महिलाएं सकुशल हैं, जबकि तीन बेहोशी की हालत में हैं ज‍िन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।  एक महिला नागिनी पत्नी जयसिंह का शव बरामद हुआ है।

हादसे के बाद काफी देर तक बचाव कार्य शुरू न होने से गुस्साए लोगों ने एडीएम का घेराव किया। नोकझोंक भी हुई। घटनास्थल राजारामपुर से लेकर गंगा बैराज कई किमी तक ग्रामीण गोताखोर लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। प्रशासन ने गाजियाबाद से एनडीआरएफ बुला ली है। एनडीआरएफ ने  गंगा में ग्रामीणों की तलाश शुरू कर दी है। बारिश के कारण टीम को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंगा से निकाली गई महिलाओं ने बताया कि वह गंगा पार से चारा लेकर लौट रही थी कि अचानक नाव  पलट गई। गंगा में बहे लोगों के परिजनों में कोहराम मचा है। 

मुख्यमंत्री ने ली हादसे की जानकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन से हादसे की जानकारी ली। उन्होंने अफसरों से बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए। लापरवाही बरते जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।  


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