Bijnor: महिला ने लगाई फांसी, मौके पर पहुंची पुलिस, कमरे का दरवाजा तोड़कर नीचे उतारा, CPR देकर बचा ली जान
Bijnor News उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला। फांसी लगाकर मौत के मुंह में जाने वाली महिला को पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर बचा लिया। पुलिसकर्मियों की लोग प्रशंसा कर रहे हैं।
बिजनौर, जागरण संवाददाता। शहर की कालोनी में फांसी लगा रही एक महिला की पुलिस ने जान बचा ली। पुलिसकर्मियों दरवाजा तोड़कर उसे फांसी के फंदे से नीचे उतार लिया। एएसपी सिटी का कहना है कि सतर्कता दिखाते हुए महिला की जान बचाने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा।
पति से चल रहा है विवाद
शहर कोतवाली के एक गांव निवासी महिला पति के साथ काकरान वाटिका के पास रहती है। पति के साथ उसका विवाद चल रहा है। एक बार फिर मायका पक्ष और महिला के पति के बीच में विवाद हुआ, इसके कुछ समय बाद वह कमरे में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया। दोनों पक्षों के बीच विवाद होने पर इसकी सूचना लोगों ने शहर कोतवाली पुलिस को दे दी थी। ऐसे में दारोगा और सिपाही उसके घर की ओर रवाना हो चुके थे।
पुलिसकर्मियों ने नहीं लगाई देर, तोड़ दिया दरवाजा
जब वे मौके पर पहुंचे तो पता चला कि महिला ने दरवाजा बंद कर लिया है। उसके फांसी लगाने की आशंका को देखते हुए उन्होंनेे तुरंत दरवाजा तोड़ दिया। इस दौरान वह फांसी के फंदे पर लटक रही थी। उसे तत्काल नीचे उतारा गया। उस समय एक बार तो ऐसा लगा कि उसकी जान बचना मुश्किल है, लेकिन उसे मौके पर सीपीआर (Cardiopulmonary resuscitation ) दिया गया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।
महिला की जान बचाने वाले पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित
पुलिसकर्मियों के सतर्कता दिखाने से महिला की जान बच गई। पुलिस के कदम की लोग सराहना कर रहे हैं। एएसपी सिटी डा. प्रवीण रंजन सिंह ने कहा कि महिला की जान बचाने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। महिला का फांसी के फंदे पर लटकता हुआ वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें पुलिसकर्मी उसे फंदे से नीचे उतार रहे हैं।
दो साल पूर्व हुई थी शादी
निक्की की शादी दो साल पूर्व किरतपुर थाना क्षेत्र के छितावर निवासी ईशांत के साथ हुई थी। दोनों की दूसरी शादी थी। कुछ दिनों बाद ही झगड़ा होने लगा। मायके वालों ने पति पर दहेज के लिए परेशान करने का आरोप लगाया है। शहर कोतवाल रविंद्र वशिष्ठ ने बताया कि पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
क्या होता है CPR
डाक्टरों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की सांस व धड़कन रुकने लगे तो तुरंत उसके सीने को हाथों की विशेष पोजीशन से दबाया जाता है। ताकि इससे हदय गति एवं श्वास क्रिया सामान्य हो सके। आवश्यकता पड़ने पर कृत्रित श्वास भी दिया जा सकता है। इसके बाद मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जाना चाहिए। इमरजेंसी में इस तरीके से जान बचाने को CPR का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
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