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BIJNOR NEWS: 'मैं मरा नहीं, जिंदा हूं, मेरे सात बच्चे हैं', बिजनौर की अदालत में बोले 65 साल के रहमतुल्ला

Bijnor News एक शिकायती प्रार्थना पत्र के अनुसार रहमतुल्ला पुत्र जहूर की मृत्यु वर्ष 1995 में हुई थी। मृत्यु से पहले रहमतुल्ला ने अपनी यह जमीन उपहार के तौर पर रहमतुल्ला पुत्र करीमबख्श को दान कर दी थी।

By Jagran NewsEdited By: Parveen VashishtaPublished: Thu, 24 Nov 2022 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 24 Nov 2022 07:20 AM (IST)
BIJNOR NEWS: 'मैं मरा नहीं, जिंदा हूं, मेरे सात बच्चे हैं', बिजनौर की अदालत में बोले 65 साल के रहमतुल्ला
मैं मरा नहीं, जिंदा हूं, अदालत में 65 साल के रहमतुल्ला ने कहा

 बिजनौर, शमशेर सिंह। रहमतुल्ला नाम का 65 वर्षीय एक शख्स सीजेएम की अदालत में पहुंचा। न्यायाधीश को प्रार्थना पत्र सौंपकर बताया कि मैं जिंदा हूं और मेरे सात बच्चे हैं। रहमतुल्ला पर आरोप है कि उसने किसी अन्य रहमतुल्ला के नाम की संपत्ति का दानपत्र लिख दिया है। इस पर उसके खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाकर कोर्ट में अर्जी दी गई है। इस व्यक्ति ने कोर्ट में दावा किया कि वही असली रहमतुल्ला है। कुछ लोगों ने उसे मृत दर्शाकर उसकी संपत्ति अपने नाम करा ली। अब उसे फर्जी रहमतुल्ला बताकर उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। न्यायालय ने थाना पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। 

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यह  है मामला 

दरअसल, शाहिद हसन पुत्र रहमतुल्ला निवासी मोहल्ला शेखान कस्बा सहसपुर थाना स्योहारा के प्रार्थना पत्र पर सीजेएम ने आरोपित शबनम, शहजाद हुसैन, मोहम्मद आजम और रहमतुल्ला पुत्र जहूर हसन को तलब किया था। शिकायती प्रार्थना पत्र के मुताबिक, रहमतुल्ला पुत्र जहूर की मृत्यु 1995 में हुई थी। मृत्यु से पूर्व रहमतुल्ला ने अपनी जमीन बतौर उपहार उसके पिता रहमतुल्ला पुत्र करीमबख्श को दान कर दी थी। शाहिद के पिता की भी 1991 में मौत हो चुकी है। 

रहमतुल्ला पुत्र जहूर बनकर बनकर धोखाधड़ी का आरोप  

आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार धामपुर, लेखपाल गजेंद्र सिंह, कानूनगो योगेंद्र कुमार, शबनम, शहजाद हुसैन, मोहम्मद आजम ने रहमतुल्ला पुत्र जहूर हसन से हमसाज होकर फर्जी दस्तावेज के सहारे उक्त संपत्ति को दान-पत्र द्वारा शबनम के पक्ष में कर दिया। आरोप है कि किसी अन्य व्यक्ति ने रहमतुल्ला पुत्र जहूर बनकर यह धोखाधड़ी की है। न्यायालय ने शबनम, शहजाद हुसैन, मोहम्मद आजम और रहमतुल्ला को तलब किया था। 

अंतिम संस्कार करने का भी किया गया दावा  

रहमतुल्ला नाम का यह शख्स अधिवक्ता अजय कुमार बबली के साथ बुधवार को कोर्ट में पेश हुआ। उसने बताया, जिसे वादी ने वर्ष 1995 में मृत दर्शाया है, मैं वही रहमतुल्ला हूं। आरोप लगाया कि शाहिद हुसैन ने अन्य आरोपित इकबाल, मो. याकूब, अब्दुल सलाम तथा अब्दुल्ला के साथ हमसाज होकर षड्यंत्र के तहत उसे मृत दर्शा दिया और खुद उसका समस्त अंतिम संस्कार करने का दावा करते हुए उसकी संपत्ति फर्जी दस्तावेज के सहारे अपने नाम करा ली। 

कोर्ट में पेश किया आधार कार्ड 

रहमतुल्ला ने कोर्ट में अपने आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र की छायाप्रति और फोटो आदि पेश की। प्रार्थना पत्र में लिखा कि उसने शाहिद व अन्य आरोपितों पर थाना स्योहारा में धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है। सीजेएम शारिब अली ने प्रार्थना पत्र स्वीकारते हुए थाने से आख्या तलब की है। सुनवाई के लिए 12 दिसंबर तिथि नियत की है।

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