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Bijnor: सौहार्द की मिसाल- 36 मुस्लिम बंदियों ने जेल में रखा नवरात्रि का उपवास, बोले- इससे मन को शांति मिलती है

इनका मानना है कि साथी बंदियों से प्रेरित होकर उन्होंने उपवास रखा है। इससे उन्हें मन की शांति मिलती है। इससे आपसी प्रेम भाई-चारे और सौहार्द का भाव पैदा होगा। क्योंकि हिंदू बंदियों ने भी रमजान के महीने में रोजा रखा था।

By Birendra KumarEdited By: Published: Sun, 02 Oct 2022 11:18 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 05:12 AM (IST)
Bijnor: सौहार्द की मिसाल- 36 मुस्लिम बंदियों ने जेल में रखा नवरात्रि का उपवास, बोले- इससे मन को शांति मिलती है
6 मुस्लिम महिला-पुरुष बंदियों ने व्रत रखा है।

बिजनौर, जेएनएन। जिला कारागार में हिंदू-मुस्लिम एकता और आपसी सौहार्द की मिसाल कायम हो रही है। 36 मुस्लिम बंदियों ने नवरात्र का व्रत रख आपसी सौहार्द का संदेश दिया है। इनका मानना है कि साथी बंदियों से प्रेरित होकर उन्होंने उपवास रखा है। इससे उन्हें मन की शांति मिलती है। इससे आपसी प्रेम, भाई-चारे और सौहार्द का भाव पैदा होगा। क्योंकि, हिंदू बंदियों ने भी रमजान के महीने में रोजा रखा था। 

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जिला कारागार में 1450 बंदी और कैदी बंद हैं। सोमवार से नवरात्र के व्रत शुरू हुए। इस बार जिला कारागार में 410 बंदियों ने नवरात्र का व्रत रखा। इनमें 44 महिला बंदी हैं। इस बार नवरात्र में जिला कारागार से नया संदेश मिला। अब तक सबसे अधिक 36 मुस्लिम महिला-पुरुष बंदियों ने भी नवरात्र के व्रत रखे हैं। इनमें छह मुस्लिम महिला बंदी हैं। 

पूजा नहीं करते पर व्रत का पूरा पालन

मुस्लिम बंदी पूजा में तो शामिल नहीं होते, लेकिन नवरात्र व्रत का पूरा पालन करते हैं। अन्य हिंदू बंदियों की तरह फल, दूध और अन्य व्रत सामग्री खाते हैं। जेल अधीक्षक आदिति श्रीवास्तव का कहना है कि स्वयं ही मुस्लिम बंदी व्रत रख रहे हैं। उनका कहना है कि अपने साथी बंदियों के व्रत रखने के बाद उन्होंने भी शुरू कर दिया है। 

आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश

बैरक में अपनी साथियों से प्रेरित होकर व्रत रखे हैं। इससे उन्हें अच्छा लगता है और मन को शांति मिली। अधिकांश मुस्लिम बंदियों का मानना है कि कुछ हिंदू बंदी भी रमजान के महीने में रोजा रखते हैं। इसलिए उन्हें भी नवरात्र पर व्रत रखकर आपसी सौहार्द और भाईचारे का का संदेश देना चाहिए। इसलिए उन्हें व्रत रखना शुरू कर दिया।

जेल प्रशासन करता है व्यवस्था

उधर, जेलर शैलेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि व्रत रखने वाले बंदियों के लिए जेल प्रशासन ने फल, दूध, आलू और कुट्टू के आटा की पकौड़ी समेत अन्य खान-पीने के सामान की व्यवस्था की है। उन्हें समय से खाने-पीने का सामान दिया जाता है।

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