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सीएए को लेकर किया जा रहा भ्रमित

अन्ना हजारे आंदोलन के संस्थापक सदस्य तथा एएमयू विश्वविद्यालय अलीगढ़ के सदस्य मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि नागरिक संशोधन कानून को लेकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है जबकि एनआरसी और सीएए का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने लोगों से इस मामले में भ्रमित न होकर शांति बनाए रखने की अपील की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 06:04 AM (IST)
सीएए को लेकर किया जा रहा भ्रमित
सीएए को लेकर किया जा रहा भ्रमित

बिजनौर, जेएनएन। अन्ना हजारे आंदोलन के संस्थापक सदस्य तथा एएमयू विश्वविद्यालय अलीगढ़ के सदस्य मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि नागरिक संशोधन कानून को लेकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि एनआरसी और सीएए का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने लोगों से इस मामले में भ्रमित न होकर शांति बनाए रखने की अपील की है।

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मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि नागरिक संशोधन कानून का भारत के मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। 31 दिसंबर 2014 से पूर्व तीन देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंग्लादेश से वहां के अल्पसंख्यक पीड़ित परिवारों के प्रति महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरु तथा मनमोहन सिंह ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा था कि इन अल्पसंख्यक लोगों को भारत में राहत देंगे, जिनका उक्त तीनों देशों में उत्पीड़न किया गया है। उन्होंने बताया कि एनआरसी को लेकर लोगों को भ्रमित किया गया, जबकि एनआरसी का किसी प्रकार का संबंध सीएए से नहीं था। एनआरसी से भ्रमित होकर ही कुछ लोगों ने नगर में बवाल किया। उन्होंने बताया कि एनपीआर एक सामान्य प्रक्रिया है इसका एनआरसी से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने गंगा-जमना तहजीब को कायम रखने की सभी से अपील की।

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शमशेर


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