देवोत्थान एकादशी पर बैंक्वेट हाल बुक, मैदानों में लगेंगे टेंट
कोरोना काल में भले ही बहुत कुछ बदल गया लेकिन इस दौरान शहनाई बजेगी और बैंडों की धुन भी सुनाई देगी। 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी है। देवोत्थान एकादशी से ही मांगलिक कार्य शुरू होंगे। इस साल में जिले में एक भी बैंक्वेट हाल खाली नही है। आलम यह है कि दर्जनों बैंक्वेट हाल में दिन और रात्रि की बुकिग हो चुकी है।
बिजनौर, जेएनएन। कोरोना काल में भले ही बहुत कुछ बदल गया, लेकिन इस दौरान शहनाई बजेगी और बैंडों की धुन भी सुनाई देगी। 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी है। देवोत्थान एकादशी से ही मांगलिक कार्य शुरू होंगे। इस साल में जिले में एक भी बैंक्वेट हाल खाली नही है। आलम यह है कि दर्जनों बैंक्वेट हाल में दिन और रात्रि की बुकिग हो चुकी है।
देवोत्थान एकादशी 25 नवंबर को है, और इसी दिन मांगलिक कार्यो का अबूझ मुहूर्त है। इस साल जिलें में देवोत्थान एकादशी पर सैकड़ों शादियां होगी। कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक किसी भी मांगलिक कार्यक्रम में सिर्फ दो सौ लोगों की भागीदारी की छूट है। जिले के सभी बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस और धर्मशाला पूरी तरह से बुक पहले से ही बुक है। वहीं बैंक्वेट हाल खाली न मिलने की वजह से लोग खाली पड़े मैदानों में टेंट लगाकर कार्यक्रमों की तैयारी में जुटे हुए है। चांद वैंक्वेट हाल के प्रबंधक अश्वनी वशिष्ठ का कहना है कि किसी भी वैवाहिक कार्यक्रम के आयोजन से पहले और बाद में पूरे बैंक्वेट हाल को सैनिटाइज कराया जाता है। वहीं, कार्यक्रम में 200 व्यक्तियों की शिरकत करने की सहमति दिए जाने के बाद बुकिग की जा रही है। अबूझ मुहूर्त होने के कारण बैंड की बुकिग भी शिफ्टों हो रही है। यहीं घोड़ा-बग्गी की बुकिग की भी यही स्थिति है। हलवाई भी दो बुकिग कर चुके है। कोरोना काल में लोग मर्जी के अनुसार मेन्यू बनाए जा रहे है। फूलों की डिमांड बढ़ी है, जबकि वैवाहिक समारोह में शारीरिक दूरी का पालन होने के आसार कम होने की संभावना रहेगी। उधर ज्योतिषाचार्य डा. अरविद शर्मा बताते है कि देवोत्थान एकादशी पर अबूझ मुहूर्त है। इसके बाद 11 दिसंबर तक पांच मुहूर्त और है।