कोरोना काल में सादगी से निभाई गई पुरातन परंपरा
बिजनौर जेएनएन। धामपुर तहसील क्षेत्र में धामपुर नहटौर सहित अन्य स्थानों पर रविवार को दशहर
बिजनौर, जेएनएन। धामपुर तहसील क्षेत्र में धामपुर, नहटौर सहित अन्य स्थानों पर रविवार को दशहरा पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस बार कोरोना काल के चलते पिछले वर्षों की भांति बड़े आयोजन नहीं हुए। धामपुर में नगीना मार्ग स्थित राम बाग में रावण दहन किया गया। श्री रामलीला बाग समिति की ओर से सादगी के साथ आयोजन किया गया, हर वर्ष की तरह इस बार मेला नहीं लगा। जिससे बहुत कम लोग रावण दहन के दौरान पहुंचे। कोरोना संक्रमण के बीच सादगी के साथ पुरातन परंपरा का निर्वहन किया गया।
रविवार को तहसील के विभिन्न स्थानों पर दशहरा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। धामपुर में नगीना मार्ग स्थित राम बाग में शाम साढ़े पांच बजे रावन दहन किया गया। इससे पहले पूजा-अर्चना के साथ भगवान राम की स्तुति की गई। कोरोना संक्रमण काल के चलते रामलीला बाग समिति की ओर से इस बार पर्दे पर चलने वाली रामलीला का भी आयोजन नहीं किया गया था। इसी तरह रविवार को सादगी के साथ रावन दहन कार्यक्रम किया गया। समिति की ओर से इस बार किसी अतिथि या राजनैतिक व्यक्तियों को नहीं बुलाया गया था। कोतवाली में तैनात क्राइम इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने रावन दहन किया।
समिति के संरक्षण यशपाल तुली ने बताया कि इस बार कोरोना काल में सरकार की गाइड लाइनों को ध्यान में रखते हुए कोई आयोजन नहीं किया गया था। राम बाग में हर साल लगने वाला मेला भी नहीं लगवाया गया। केवल अपनी पुरातन परंपरा को निभाते हुए सादगी के साथ रावन दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समिति की ओर से सौरभ मित्तल, अजय शर्मा, कपिल तुली, टीटू भटनागर, मनोज जोशी आदि मौजूद रहे।
नहटौर : जैन विद्या मंदिर इंटर कॉलेज परिसर में रावण के पुतले का दहन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद यशवंत सिंह, विधायक ओम कुमार ने रावण के पुतले का दहन किया। रामलीला समिति ने अतिथियों को सम्मानित किया। इस दौरान कलाकारों ने मां काली की कथा और अन्य प्रसंगों का वर्णन किया। इस दौरान मूलचंद त्यागी, मुकुंद्र त्यागी, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष रंजीत जोशी, अरविद जोशी, सुधीर विश्वकर्मा, अंकुश अग्रवाल, राकेश सैनी, मुकेश कुमार, धनंजय चौधरी आदि मौजूद रहे।
बच्चों को खली मेले की कमी :
कोरोना के चलते इस बार राम बाग में मेले का आयोजन नहीं किया गया। बाग परिसर में एक भी दुकान नहीं लगी। केवल बाग के पास स्थित मां कालियावाला मंदिर के आसपास खेल-खिलौने, खाने के सामान सहित कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगाईं। यहां भी बहुत कम भीड़ रही। हर वर्ष मेले में धामपुर सहित आसपास के गांवों के पांच-सात हजार लोग पहुंचते थे। लेकिन इस बार केवल चार-पांच सौ लोग ही पहुंचे। दूसरी ओर से बच्चों, युवाओं को मेले की कमी भी बहुत महसूस हुई।
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--राहुल--