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दौड़ने के जुनून ने अल्ट्रा मैराथन में अपूर्वा चौधरी ने बनाया रिकार्ड

बिजनौर: कौन कहता है कि आसमान में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों, ¨हदी के सशक्त हस्ताक्षर दुष्यंत कुमार की ये पंक्ति पंक्ति नहटौर क्षेत्र के ग्राम ¨डगरपुर निवासी अपूर्वा चौधरी पर खरी उतरती है। अपूर्वा ने सतत प्रयास से भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के तत्वावधान में आयोजित एनइवी 24 घंटे की स्टेडियम दौड़ में 176.8 किमी की दूरी पूरी का नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 10:41 PM (IST)
दौड़ने के जुनून ने अल्ट्रा मैराथन में अपूर्वा चौधरी ने बनाया रिकार्ड
दौड़ने के जुनून ने अल्ट्रा मैराथन में अपूर्वा चौधरी ने बनाया रिकार्ड

बिजनौर: कौन कहता है कि आसमान में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों, ¨हदी के सशक्त हस्ताक्षर दुष्यंत कुमार की ये पंक्ति पंक्ति नहटौर क्षेत्र के ग्राम ¨डगरपुर निवासी अपूर्वा चौधरी पर खरी उतरती है। अपूर्वा ने सतत प्रयास से भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के तत्वावधान में आयोजित एनइवी 24 घंटे की स्टेडियम दौड़ में 176.8 किमी की दूरी पूरी का नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।

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ग्राम ¨डगरपुर निवासी संजीव चौधरी एवं सुमन चौधरी की पुत्री अपूर्वा ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में रविवार को आयोजित एनइवी 24 घंटे की स्टेडियम दौड़ में 176.8 किमी की दूरी पूरी का राष्ट्रीय रिकार्डधारी होने का गौरव प्राप्त किया। 28 वर्षीय अपूर्वा ने अपने नाम के अनुरूप अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए उन्होंने मीनक कोटक के नाम दर्ज 175.4 किमी का रिकार्ड तोड़ा। केवल तीसरी बार अल्ट्रा मैराथन में भाग लेने वाली अपूर्वा केवल चौथी भारतीय महिला है जिन्होंने 24 घंटे में 160 किमी से अधिक की दूरी का सफर तय किया है। उनसे पहले मीनल, हेमा सैनी 172.3 किमी एवं अपर्णा चौधरी 169.2 किमी दौड़ कर यह उपलब्धि प्राप्त कर चुकी है। अपूर्वा की मां सुमन चौधरी बताती है कि अपूर्वा ने इंटरमीडिएट जवाहर नवोदय विद्यालय चांदपुर से किया। इसके बाद बीटेक एवं बायोटेक की पढ़ाई पूरी की। डा. बीरबल बताते है कि तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी उनकी भांजी अपूर्वा ने बेंगलूरू में सर्विस के दौरान ही दौड़ना शुरू किया। इसके बाद तो सामान्य किसान परिवार में पढ़ी बढ़ी अपूर्वा को दौड़ने का जुनून सवार हो गया। वर्तमान में गुड़गांव में एक कम्पनी में कार्यरत अपूर्वा है। उनकी उपलब्धि से परिवार ही नहीं जिले में हर्ष का माहौल है।


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