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जल संचय को ग्रामीण अंचल में 148 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार

गिरते भूजल को वापस लाना है तो हमें सब को आगे आकर जलसंचय करना होगा। बारिश के हर बूंद को सहेज लेने के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा योजनांतर्गत जिले के ग्रामीण अंचल के 148 तालाबों का जीर्णोद्धार शुरू कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 10:20 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 10:20 PM (IST)
जल संचय को ग्रामीण अंचल में 148 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार
जल संचय को ग्रामीण अंचल में 148 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार

बिजनौर, जेएनएन : गिरते भूजल को वापस लाना है, तो हमें सब को आगे आकर जलसंचय करना होगा। बारिश के हर बूंद को सहेज लेने के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा योजनांतर्गत जिले के ग्रामीण अंचल के 148 तालाबों का जीर्णोद्धार शुरू कर दिया गया है। इसमें से छह का जीर्णोद्धार पूर्ण हो गया है और 92 पर तेजी से चल रहा है। बारिश का पानी तालाबों में संचय होगा, तो उससे न सिर्फ भूजल स्तर उठेगा, बल्कि ग्रामीणों के पशुओं आदि के पानी की उचित व्यवस्था रहेगी। पंचायत विभाग भी गांव गांव चौपाल लगाकर ग्रामीणों को जल संचय करने के लिए प्रेरित करेंगे।

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शासन ने जल संचय के लिए अभियान चल रहा है। सरकारी अफसरों, कर्मचारियों से लेकर जनमानस को इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। जिन तालाबों को कब्जा है उन्हें कब्जा मुक्त कराने का कार्य चल रहा है। तालाब, पोखर और जोहड़ आदि ही नहीं जिले से निकलने वाली बान नदियां आदि का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। पांच जुलाई को सुबह आठ बजे ग्राम डागू वाला से 103 किलोमीटर लंबी तथा 57 गांव एवं चार तहसीलों से होकर जाने वाली बान नदी पर सफाई अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। यह कदम गिरते भूगर्भ जलस्तर को उठाना है। गिरते भूगर्भ जलस्तर से चितित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और प्रदेश के सभी प्रधानों चिट्ठी भेजकर खेत का पानी खेत और गांव का पानी गांव में संचय करने का आह्वान किया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में मनरेगा योजनांतर्गत चयनित 148 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसमें से छह का कार्य पूर्ण हो गया है और 92 पर जीर्णोद्धार चल रहा और करीब 50 तालाबों का कार्य आरंभ होना है।

इनका है कहना..

पंचायत विभाग की ओर से जल संचय के लिए गांवों में पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में ग्रामीणों को भविष्य में जल संकट के बारे में बताते हुए जल संचय करने का आग्रह किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों से बिना जरूरत के पानी की बर्बादी नहीं करने का आग्रह किया जा रहा है। गांव व बारिश का पानी तालाबों में संचय करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

-सतीश कुमार, डीपीआरओ।


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