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जिन चांदी के सिक्कों से तौली गईं थीं इंदिरा गांधी, वे आज भी डबल लॉक अलमारी में रखे हैं; डीएम करते हैं निरीक्षण

बिजनौर में 50 साल से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अमानत 64 किलोग्राम चांदी कोषागार में संरक्षित है। 1972 में एक कार्यक्रम में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी कालागढ़ आई थी। कार्यक्रम में बांध निर्माण में लगे मजदूरों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें चांदी के सिक्कों से तौला था।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavPublished: Wed, 08 Feb 2023 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 09:50 PM (IST)
जिन चांदी के सिक्कों से तौली गईं थीं इंदिरा गांधी, वे आज भी डबल लॉक अलमारी में रखे हैं; डीएम करते हैं निरीक्षण
बांध निर्माण में लगे मजदूरों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें चांदी के सिक्कों से तौला था।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 50 साल से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अमानत 64 किलोग्राम चांदी कोषागार में संरक्षित है। 1972 में एक कार्यक्रम में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी कालागढ़ आई थी। कार्यक्रम में बांध निर्माण में लगे मजदूरों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें चांदी के सिक्कों से तौला था। चांदी का वजन 64 किलोग्राम था। 

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आरबीआई ने निजी संपत्ति बताते हुए इसे लेने से इनकार कर दिया था। वहीं, कोषागार अधिकारी इंदिरा गांधी के परिवार के सदस्यों को ही यह देने की बात कह रहे हैं। बिजनौर के जिला कोषागार में रखी 64 किलोग्राम चांदी की कीमत वर्तमान में 38 लाख 40 हजार रुपये है। 1972 में चांदी की कीमत 400 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि वर्तमान में करीब 60 हजार रुपये प्रति किलोग्राम है।

पाकिस्तान से युद्ध में विजय और बांग्लादेश के गठन के बाद 1972 में कालागढ़ बांध निर्माण में लगे 20 हजार से अधिक श्रमिकों ने देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का स्वागत करने का निर्णय लिया था। श्रमिकों ने अपने एक दिन के वेतन के बराबर धनराशि से खरीदी चांदी से इंदिरा गांधी को तौला था। 

कांग्रेस नेता मुनीष त्यागी बताते हैं कि चांदी को इंदिरा गांधी साथ नहीं ले गईं, बल्कि उनके आदेश पर तत्कालीन डीएम ने कोषागार में रखवा दिया, जो वर्तमान में भी कोषागार के डबल लॉक अलमारी में रखी है। डीएम प्रति वर्ष डबल लाॅक का निरीक्षण कर संरक्षित चांदी का सत्यापन करते हैं। 

वरिष्ठ कोषाधिकारी सूरज सिंह के अनुसार, कोषागार के डबल लाक में इंदिरा गांधी के वजन के बराबर 64 किलोग्राम चांदी संरक्षित है। इस चांदी के लिए अभी तक उनके किसी वारिस ने कोई दावा नहीं किया है। यदि वारिस दावा करते हैं तो डीएम के आदेश पर उक्त चांदी संबंधित की सुपुर्दगी में दी जाएगी।


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