कौन बोल रहा असत्य, किसान या अधिकारी
किसानों की समस्या को लेकर जहां सरकार गंभीर है वही
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : किसानों की समस्या को लेकर जहां सरकार गंभीर है, वहीं उनके नुमाइंदे लापरवाह हैं। अधिशासी अभियंता नहर वीर बहादुर सिंह का कहना है कि सिल्ट की पूरी सफाई की जा चुकी है। स्थलीय निरीक्षण का भी दावा कर रहे हैं, वहीं किसानों का कहना है कि गजाधरपुर के बाद करीब एक किलोमीटर नहर की सफाई नहीं की गई है। इसके चलते टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
यह पहला वाकया नहीं है, इसके पहले भी ऐसे ही होता आया है। टेल तक पानी नहीं पहुंचने से सैकड़ों एकड़ भूमि असिचित हो गई है। किसान बोआई नहीं कर पा रहे हैं। अधिसंख्य क्षेत्र में खेती नहीं होने से बबूल की झाड़ी उग आई है। सवाल उठता है कि आखिर झूठ कौन बोल रहा है। किसान अथवा नहर विभाग के अधिकारी। हकीकत यह है कि गजाधरपुर के बाद नहर की सफाई नहीं की गई है। सफाई को मिला बजट ठेकेदार हजम कर गया। अब अधिकारी अपनी कमियों को छिपाने के साथ ठेकेदार को भी बचाने में जुट गए हैं।
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क्या कहते हैं किसान
टेल तक पानी कभी भी नहीं पहुंचा। सिचाई विभाग के ठेकेदार और अधिकारी सफाई के लिए मिले बजट को हजम कर जाते हैं। इस साल भी नहर की सफाई नहीं की गई। सिचाई की व्यवस्था न होने से खेत खाली ही रह जाते हैं।
चित्र--11-- शोभनाथ यादव।
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अभी तक नहर की सफाई नहीं हो सकी है। गजाधरपुर के बाद छेछुआ-भुर्रा तक पानी कभी नहीं पहुंचा है। जब पानी नहीं देना है तो नहर में ली गई भूमि को विभाग को वापस कर देना चाहिए।
चित्र--12- प्यारे सिंह।
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सिचाई की व्यवस्था न होने से सैकड़ों एकड़ में किसान खेती नहीं कर पात हैं। रजवाहा बनने से उम्मीद जगी थी कि अब खेती करने में आसानी होगी। कई साल से टेल तक पानी ही नहीं पहुंच रहा है।
चित्र-13- रवि सिंह।
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गजाधरपुर के आगे नहर की सफाई नहीं की गई है। छेछुआ तक पानी कभी भी नहीं पहुंचा। गजाधरपुर तक पहुंचता भी है तो वह बेकार है। जब तक पूरी तरह से फ्लो में पानी नहीं मिलेगा तब तक सिचाई नहीं की जा सकती है।
चित्र- 14- ज्ञानू यादव।