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आलू की बोआई में बरतें सावधानी, ताकि सुरक्षित रहे फसल

आलू की बोआई का समय आ चुका है। किसान बोआई की तैयारी में जुट भी चुके हैं। कहीं खेतों की तैयार किया जा रहा है तो कहीं बोआई को लेकर किसान बीज आदि का जुगाड़ करने में लगे हैं। ऐसे में किसानों को बोआई करते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:51 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:51 PM (IST)
आलू की बोआई में बरतें सावधानी, ताकि सुरक्षित रहे फसल
आलू की बोआई में बरतें सावधानी, ताकि सुरक्षित रहे फसल

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : आलू की बोआई का समय आ चुका है। किसान बोआई की तैयारी में जुट भी चुके हैं। कहीं खेतों की तैयार किया जा रहा है तो कहीं बोआई को लेकर किसान बीज आदि का जुगाड़ करने में लगे हैं। ऐसे में किसानों को बोआई करते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। सावधानी बरतकर किसान फसल को रोगों से सुरक्षित कर सकते हैं। इसके साथ ही पैदावार भी बढ़ेगी। विशेषकर बीजों का चयन करते समय किसान अत्यंत सतर्कता बरतें।

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उप कृषि निदेशक अर¨वद कुमार ¨सह ने उन्नत आलू तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि आलू की बोआई का माकूल समय चल रहा है। जो खेत खाली हैं किसान अब उसमें बोआई कर सकते हैं। बताया कि बीज में हमेशा बड़े साइज की आलू का प्रयोग करें। इससे लागत भले ही कुछ ज्यादा आएगी लेकिन पौधे बेहतर होंगे और उपज बढ़ेगी। जबकि छोटे साइज के बीज से कमजोर पौधों में रोग लगने की संभावना अधिक होती है। आवश्यक है कि तीन से साढ़े तीन सेमी साइज व 30 से 40 ग्राम वजन के आलू बीज ही बोएं। कोल्ड स्टोरेज से निकले आलू की बोआई तुरंत न करें। कम से कम 10 से 15 दिन बाहर छाए में रखने के बाद ही बोआई करने से जमाव बेहतर होगा। इसी तरह खेत की तैयारी के बारे में बताया कि प्रति हेक्टेयर दो सौ कुंतल गोबर की सड़ी खाद का छिड़काव कर खेत की अच्छी तरह जोताई करानी चाहिए। ताकि मिट्टी पूरी तरह भुरभुरी हो जाय। साथ ही बोआई करते समय मिट्टी में पर्याप्त नमी रहनी चाहिए। बताया कि बोआई करते समय लाइन से लाइन की दूरी 60 सेमी व बीज से बीज की दूरी 40 सेमी होनी चाहिए।

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वीटावैक्स से करें बीज शोधन

- पौधों को रोगों से बचाने व बेहतर जमाव के लिए बीज शोधन करना अनिवार्य होता है। किसान बीज को वीटावैक्स दवा दो सौ ग्राम सौ लीटर पानी के साथ घोल तैयार कर लें। घोल में आलू बीज को 15 से 20 मिनट डुबोकर निकलने के बाद सुखा दें। इससे शोधन हो जाता है। इससे फसल में लगने वाले तमाम रोग जहां दूर हो जाते हैं वहीं बीज का जमाव भी अच्छा होता है।


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