उखड़ गई फर्श, टाट बिछाकर हुई पढ़ाई
शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों के पठन पाठन व्यवस्था की सुधार के क्रम में भारी भरकम धन खर्च किया जा रहा है जबकि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते शिक्षण स्तर में सुधार की कौन कहे नौनिहालों की जान खतरे में है। कालीन नगरी स्थित परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों को देखकर इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। रेवड़ापरसपुर प्राथमिक विद्यालय के उखड़े फर्श पर बैठकर नौनिहाल गत दो माह से पढ़ाई करने को विवश हैं। वह भी तब जब आपरेशन कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों की दसा सुधारने की कवायद जारी है। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि समस्या से अवगत होने के बाद भी विभागीय अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं जबकि इसे लेकर अभिभावकों में व्यापक रोष है।
जासं, भदोही : फर्श उखड़ चुकी है। यह कार्य दो महीने पहले ही कराया गया था। साफ-साफ भ्रष्टाचार का अक्स निर्माण में दिखाई पड़ रहा है। जिम्मेदारों को अवगत भी कराया गया, लेकिन उन्हें होश नहीं आया। फर्श ठीक कराने के बजाय रेवड़ा परसपुर प्राइमरी स्कूल के 126 बच्चे टाट पर बैठकर पढ़ने को विवश हैं। वह भी तब, जब आपरेशन कायाकल्प योजना से विद्यालयों की गरीबी दूर करने की कोशिश चल रही है। विद्यालय के नए भवन का निर्माण छह साल पहले हुआ था। मगर भवन में सीलन है। पिछले बारिश में हुए जलजमाव के बीच एक माह तक कक्षों में पानी भरा था। प्रधानाध्यापक ने बताया कि समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया गया है। आपरेशन कायाकल्प से भवन मरम्मत की प्रक्रिया चल रही है।
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दो विद्यालय अटैच, दो किराए के भवन में : शहर में 13 परिषदीय विद्यालय हैं, जिसमें दो अटैच कर संचालित हो रहे हैं तो दो विद्यालय चकसैफ व पीरखानपुर किराए के जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं। सलावत खां प्राथमिक विद्यालय को काशीपुर में जबकि कटरा प्राथमिक विद्यालय को ठकुरा में चलाया जा रहा, दोनों विद्यालयों के भवन की व्यवस्था नहीं की जा सकी।