वोटरों का मूड भांपने आ रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अति करीबी स्मृति ईरानी का का कार्यक्रम चुनावी सियासत में तड़का लगाने का काम करेगा। यह जनसभा उस समय हो रहा है जब जिले के मतदाताओं में भाजपा प्रत्याशी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी स्मृति ईरानी का कार्यक्रम चुनावी सियासत में तड़का लगाने का काम करेगा। यह जनसभा उस समय हो रहा है जब जिले के मतदाताओं में भाजपा प्रत्याशी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री वोटरों का मुड भांपने जिले में आ रही हैं। यही कार्यक्रम प्रत्याशी के नाम पर मोहर भी लगाएगी। हालांकि भाजपा के लोगों का कहना है कि किसी भी चुनाव में पार्टी किसी जनसभा में प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं करती है।
लोकसभा चुनाव की तिथि जारी होते ही राजनीतिक दलों के उम्मीदवार और दावेदारों को लेकर कयासों का दौर शुरू हो जाता है। गठबंधन की ओर से प्रत्याशी के नामों की घोषणा तो पहले ही हो चुकी है लेकिन भाजपा और कांग्रेस अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा को लेकर अधिसंख्य का कहना है कि किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त की पार्टी में मजबूत पकड़ है। उनके नाम में कोई बदलाव नहीं है तो कुछ का कहना है कि हाई कमान की ओर से फीडबैक लिया गया था। उनके नाम को लेकर मतदाता खासे नाराज हैं। भाजपा के लिए पूर्वांचल के सभी सीट प्रतिष्ठापरक है। वह इसलिए कि वाराणसी से खुद प्रधानमंत्री चुनावी मैदान में हैं। इसलिए पार्टी फूंक-फूंककर कदम रख रही है। 26 मार्च को स्मृति ईरानी की जनसभा इसी का अंग है। वह वोटरों के मुड को भांपने आ रही हैं। जनसभा के साथ ही साथ वह यहां की ग्राउंड रिपोर्ट भी तैयार कर हाईकमान को सौंपेगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भाजपा के लोग पूरी क्षमता से जुट गए हैं। कार्यक्रम की जिम्मेदारी भी अलग-अलग पदाधिकारियों को सौंप दी गई है। कार्यक्रम संयोजक शैलेंद्र दुबे टुन्ना ने बताया कि केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा। इसके लिए पूरी तैयार की जा चुकी है।