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नाप न जोख, लग्जरी गाड़ियों से उतरने लगा यूनिफार्म

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत परिषदीय विद्यालय बंद चल

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:18 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:18 PM (IST)
नाप न जोख, लग्जरी गाड़ियों से उतरने लगा यूनिफार्म
नाप न जोख, लग्जरी गाड़ियों से उतरने लगा यूनिफार्म

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत परिषदीय विद्यालय बंद चल रहे हैं। बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं। ऐसे में भले ही बच्चों के नाप-जोख न हो सके हों लेकिन थोक के भाव में यूनिफार्म स्कूलों में पहुंचने लगे हैं। नोडल अधिकारियों का कहीं अता-पता नहीं है। रेडीमेड यूनिफार्म धड़ल्ले से बांट दिया जा रहा है।

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यूनिफार्म वितरण शुरू होने के साथ ही मनमानी की शिकायतें शुरू हो जाती हैं। शासनादेश है कि बच्चों की नाप कराकर सिलाकर यूनिफार्म वितरित किया जाए। जिससे बच्चों को सही नाप के अनुसार यूनिफार्म मिल सके। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में 27 मई की हुई बैठक में शासनादेश के तहत ही यूनिफार्म का वितरण करने का निर्देश दिया गया है। इस बार आजीविका मिशन के तहत गठित महिला समूहों को यूनिफार्म सिलने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। अब देखा जाय तो कोरोना संक्रमण के चलते विद्यालय अप्रैल से ही बंद चल रहे हैं। ऐसे में बच्चों की नाप होना संभव नहीं दिख रहा है। हकीकत यह है कि थोक के भाव लग्जरी वाहनों के यूनिफार्म विद्यालयों में पहुंचाया जा रहा है।

जारी हुआ है 6.19 करोड़ का बजट

भले ही स्कूल बंद होने से बच्चे घर बैठे हैं लेकिन वर्ष 2020-21 में कक्षा एक से लेकर आठ तक पंजीकृत 1.37 लाख बच्चों को 600 रुपये में दो सेट यूनिफार्म वितरित किये जाने के लिए शासन ने पहली किश्त के रूप में 75 फीसद धनराशि 6,19,09650 अवमुक्त किया है। यूनिफार्म वितरण की क्या है गाइड-लाइन

जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद की ओर से जारी गाइड-लाइन पूरी जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंध समिति को सौंपी गई है। विद्यालय प्रबंधन समिति विज्ञप्ति जारी कर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करेगा। जहां एक लाख से अधिक का यूनिफार्म होगा वहां टेंडर व अन्य स्कूलों में कोटेशन के जरिए कपड़े की खरीद व सिलाई होगी। ड्रेस वितरण नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा। यूनिफार्म के लिए कपड़े का क्रय उसी फर्म से होगा जिसके पास अनुभव प्रमाण पत्र, आयकर, जीएसटी एवं व्यापार कर में पंजीकरण, पैन नंबर हो। वह ब्लैक लिस्टेड न हो। आपूर्ति करने वाली फर्म से 10 फीसद अर्नेस्ट मनी जमा करानी होगी।


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