नगरीय क्षेत्रों के शौचालय निर्माण में की जा रही धांधली
कालीन नगरी भदोही स्वच्छता मिशन लक्ष्य से भटक चुका है। आलम यह है कि शहरी क्षेत्रों में कराए जा रहे शौचालय निर्माण में अफसरों की मौन स्वीकृति पर व्यापक स्तर पर धांधली की जा रही है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कालीन नगरी भदोही स्वच्छता मिशन लक्ष्य से भटक चुका है। आलम यह है कि शहरी क्षेत्रों में कराए जा रहे शौचालय निर्माण में अफसरों की मौन स्वीकृति पर व्यापक स्तर पर धांधली की जा रही है। ठेकेदार दुस्साहसिक तरीके से घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि शौचालयों में ईंट के साथ ही साथ सीमेंट आदि का प्रयोग इतना घटिया किया जा रहा है कि वह कब भरभरा कर जमींदोज हो जाएगा इसका कोई भरोसा नहीं है।
शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल स्वच्छता मिशन ढाक के तीन पात साबित होता दिख रहा है। दो अक्टूबर को जनपद के सभी गांव और नगर को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों में भी सरकारी विज्ञप्ति जारी कर आपत्तियां मांगी जा रही हैं तो सुलभ शौचालय का भी निर्माण कराया जा रहा है। नगर पंचायतों में तीन- चार तो नगर पालिका क्षेत्रों में इसकी संख्या दर्जन से भी अधिक बताई जा रही है। यह नहीं सरकार की ओर से इन शौचालयों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार महकमा के मनमानी के चलते संबंधित ठेकेदार घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। अकेले ज्ञानपुर में तीन सुलभ शौचालय का निर्माण कराया जाना है। जानकारों का कहना है कि ज्ञानपुर नगर में कराए जा रहे शौचालयों के निर्माण में बुनियाद की बात करनी ही बेमानी है। घटिया ईंट का प्रयोग किया जा रहा है। एक शौचालय को प्राथमिक विद्यालय परिसर के पास बनाया जा रहा है। उसका गड्ढा कभी बर्स्ट हुआ तो नौनिहाल की ¨जदगी जा सकती है। खास बात तो यह है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण तो शुरू करा दिया गया लेकिन अभियंता का दूर-दूर तक पता नहीं है। अधिशासी अधिकारी राजेंद्र कुमार दुबे तो शौचालय निर्माण को लेकर अनभिज्ञ बने हुए हैं। उनका कहना है कि तीन शौचालय निर्माण कराया जाना है। निर्माण कहां कराया जा रहा है इसका पता नहीं है। बहरहाल अवर अभियंता से मामले की जांच कराई जाएगी। यह तो एक बानगी भर है। इसके अलावा भदोही, गोपीगंज, घोसिया, खमरिया, नई बाजार, सुरियावां में भी शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण की गुणवत्ता को लेकर अधिकारी अनभिज्ञ बने हुए हैं।
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डीएम-सीडीओ के निरीक्षण में खुल चुकी है पोल
- जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद और मुख्य विकास अधिकारी हरिशंकर ¨सह गत दिनों जोरई, घरांव और कंसापुर में शौचालय निर्माण की हकीकत देखी। शौचालय आवंटन के साथ ही साथ निर्माण में व्यापक स्तर पर धांधली पकड़ी गई। जिलाधिकारी ने बताया कि शौचालय को देख कर तो ऐसा लगा कि अब सीधे प्रधान और सचिव को जेल भेज दिया जाए। बहरहाल उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।