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महिलाओं के आत्मसम्मान और सुरक्षा के लिए शौचालय जरूरी

स्वच्छ भारत मिशन के तहत रविवार को औराई क्षेत्र के तिउरी गांव में आयोजित गोष्ठी में खुले में शौच न जाने का संकल्प दिलाया। परियोजना प्रबंधक महेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि शौचालयों के इस्तेमाल से महिलाओं को आत्मसम्मान, निजता एवं सुरक्षा प्राप्त होती है। साथ ही यौन ¨हसा की संभावना कम होती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 07:58 PM (IST)
महिलाओं के आत्मसम्मान और सुरक्षा के लिए शौचालय जरूरी
महिलाओं के आत्मसम्मान और सुरक्षा के लिए शौचालय जरूरी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : स्वच्छ भारत मिशन के तहत रविवार को औराई क्षेत्र के तिउरी गांव में आयोजित गोष्ठी में खुले में शौच न जाने का संकल्प दिलाया गया। परियोजना प्रबंधक महेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि शौचालयों के इस्तेमाल से महिलाओं को आत्मसम्मान, निजता एवं सुरक्षा प्राप्त होती है। साथ ही यौन ¨हसा की संभावना कम होती है।

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डा. शंभुनाथ ¨सह शोध संस्थान के परियोजना प्रबंधक राजीव कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 65 फीसद लोग खुले में शौच करते हैं जिसके वजह से मानव मल पर्यावरण को प्रदूषित करता है। ग्रामीण परिवेश में मानव मल के उत्सर्जन से ग्रामीण समुदाय के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। सकारात्मक सोच के साथ काम करना होगा तभी ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त किया जा सकता है और इसके लिए आत्मशक्ति की जरूरत है। आत्मविश्वास से ही कुछ नया करने की शक्ति आती है। खुले में शौच करने की प्रथा पर रोक लगाने के लिए स्वच्छता की स्थिति, सुधार के अवसरों, विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लोगों की सक्रिय भागीदारी से ग्राम पंचायत में अभियान चलाया जा रहा है। इस मौके पर समन्वयक अजय मिश्र, ग्राम प्रधान लालमनि, लोलारख ¨सह, दुर्गावती, सुनील ¨सह, चंदन, समीर, आलम, प्रियंका गौतम, सत्यदेव आदि थे।


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