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शौचालय उपयोग से दूर होती बीमारी

स्वच्छता भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा कार्यशाला में स्वेच्छाग्रही को दायित्वबोध कराया गया। साथ ही तैयार शौचालयों के उपयोग कराए जाने पर जोर दिया। कहा कि इसके उपयोग से गंभीर से गंभीर बीमारी दूर हो जाती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:13 PM (IST)
शौचालय उपयोग से दूर होती बीमारी
शौचालय उपयोग से दूर होती बीमारी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपु(भदोही): स्वच्छता भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा कार्यशाला में स्वेच्छाग्रही को दायित्वबोध कराया गया। साथ ही तैयार शौचालयों के उपयोग कराए जाने पर जोर दिया। कहा कि इसके उपयोग से गंभीर से गंभीर बीमारी दूर हो जाती है। इस दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को जागरूक किया जाए।

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कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित गोष्ठी में जिलाधिकारी ने कहा कि खुले में शौच करने से अनेक बीमारियों से ग्रसित होकर परिवार के लोग हजारों रुपये खर्च कर दे रहे हैं। शौचालय के उपयोग से इस व्यय को आसानी से बचाया जा सकता है। स्वच्छाग्रही 25 सितंबर तक अपने-अपने ग्राम पंचायतों में अधिक से अधिक ग्रामीण लोगो को जोड़कर श्रमदान कराएं। उन्होने कहा कि स्वच्छता ही सेवा अभियान 20 सितंबर से दो अक्टूबर तक संचालित रहेगा। उन्होंने जनपद में ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित किए जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। स्वच्छता ही सेवा अभियान की सफलता के लिए जागरुकता एवं सहभागिता से सरकारी कार्यालयों,स्कूलों, सार्वजनिक स्थानों आदि पर वृहद साफ-सफाई कराई जाएगी। अभियान के अंतर्गत रैली, पैदल यात्रा, नुक्कड़ नाटक, स्वच्छता रथ आदि का आयोजन किया जायेगा। कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जनपद को 30 सितंम्बर से पहले ओडीएफ घोषित किया जा सकता है। उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि शौचालय का पैसा भेज दिया गया है, यदि कहीं कोई समस्या हो तो तत्काल डीपीआरओ, खण्ड विकास अधिकारी को इसकी जानकारी दें। उन्होंने ग्रामप्रधानों का आह्वान किया कि जिस व्यक्ति का नाम बेसलाइन सर्वे की सूची में नहीं है और शौचालय बनाने के लिए पात्रता की श्रेणी में आते हैं और जिस परिवार में पहले की तुलना में सदस्यों की संख्या बढ़ गई है। उसकी सूची बनाकर उपलब्ध कराएं। चेताया कि सूची बनाने में किसी प्रकार का पक्षपात न करें। जिलाधिकारी ने कहा कि गरीब से गरीब आदमी अपने बेटे-बेटियों तथा अंतिम संस्कार के लिए खर्च की व्यवस्था कर लेता है लेकिन मां, बेटी, पत्नी के लिए शौचालय नहीं बनाता है क्योंकि उसे इस बात का ज्ञान नही होता है, कि शौचालय बनवाना कितना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अपनी इज्जत,सम्मान, मान-प्रतिष्ठा के लिए शौचालय बनवाना अति आवश्यक है। इस मौके पर जिला पंचायत राज अधिकारी बालेशधर दुबे, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार ¨सह, जिला समन्वयक सरोज पांडेय आदि थे।


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