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आपसी सौहार्द की बुनियाद मजबूत करने का संदेश

जासं भदोही नगर के मोहल्ला मलिकाना स्थित एक प्रतिष्ठान में सोमवार की रात आयोजित शेरी नश्ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 03:55 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 03:55 PM (IST)
आपसी सौहार्द की बुनियाद मजबूत करने का संदेश
आपसी सौहार्द की बुनियाद मजबूत करने का संदेश

जासं, भदोही : नगर के मोहल्ला मलिकाना स्थित एक प्रतिष्ठान में सोमवार की रात आयोजित शेरी नशिस्त में शायरों ने अपनी रचनाओं से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। शायरों ने रचनाओं के जरिए आपसी एकता व सौहार्द की बुनियाद को मजबूत करने का पैगाम दिया तो श्रोताओं ने तालियों के साथ उनकी वाहवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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मेहमान शायर रामिश दिलावरपुरी ने अपनी रचना 'ऐसे भी मत लड़ो कि कभी फिर न मिल सको, इतना लड़ो की मिलने की सूरत बनी रहे' के जरिए आपसी सौहार्द की बुनियाद को मजबूत करने का पैगाम दिया। वहीं शायर मजनू भदोहवीं ने उर्दू के प्रति युवाओं की अनदेखी पर अपनी नज्म सुनाई। कहा कि हिदी की छोटी बहन उर्दू के प्रति लोगों में पहले जैसा उत्साह नहीं रहा। जबकि यह दुनिया की सबसे मीठी और प्यारी जुबान है। युवा शायर रेहान हाशमी ने 'ये अजानों की महक और भजन की खुश्बू, इस सियासत को इसी प्यार से डर लगता है' सुनाकर आज की राजनीतिक परि²ष्य को सामने लाने का प्रयास किया। तौसीफ कैसियस ने 'जिसका भी मैने इज्जत एकराम किया है, अफसोस उसी ने मुझे बदनाम किया है। सुनाया तो संचालन कर रहे कैसर जैनपुरी ने तुम्हारे कहने से क्या रहगुजर बदल दूंगा, मैं वो फकीर नहीं हूं जो दर बदल दूंगा। सुनाकर महफिल को परवाज दिया। नशिस्त में फैयाज भदोहवीं, शाबान करीमी, जावेद आसिम, आदिल भदोहवीं, फैज भदोहवीं, आजाद भदोहवीं, सलमान व समी कैसर ने भी अपने कलाम पेश किए। सदारत सैयद जाकिर हुसैन ने किया। आयोजक सभासद दानिश सिद्दीकी ने आभार जताया। इस मौके पर सैयद अखलाक, आदिल सिद्दीकी, शाहबाबू खान आदि थे।


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