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सर्प दंश के बाद तुरंत पहुंचे अस्पताल, अंधविश्वास के फेर में पड़े तो जाएगी जान

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) सर्प दंश पर विष के असर से कम घबराहट व अन्य कारणों

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 06:42 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 06:42 PM (IST)
सर्प दंश के बाद तुरंत पहुंचे अस्पताल, अंधविश्वास के फेर में पड़े तो जाएगी जान
सर्प दंश के बाद तुरंत पहुंचे अस्पताल, अंधविश्वास के फेर में पड़े तो जाएगी जान

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) :

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सर्प दंश पर विष के असर से कम घबराहट व अन्य कारणों से मरीजों की अधिक मौत होती है। ऐसे में स्वजन और प्रभावित व्यक्ति को धैर्य रखने की जरूरत है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि यदि जहरीले सर्पदंश का मरीज समय से अस्पताल पहुंच जाय तो एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन ड्रिप के जरिए देने पर जान बच जाएगी। यदि झाड़-फूंक व अंध विश्वास के चक्कर में पड़े तो मरीज की मौत हो सकती है।

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अस्पताल पहुंचकर कराएं इलाज

- ग्रामीण क्षेत्रों में सांप काटने पर लोग झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं। मरीज की जान तक चली जाती है। जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में वैक्सीन के अभाव से ग्रामीणों को आज भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। सुविधा न मिलने से पिछले एक वर्ष में अस्पताल में एक भी सांप काटने के मरीज नहीं आए हैं।

------- सर्प दंश पर बरतें विशेष सावधानी

- सांप काटने पर मरीज की जान बचाने को स्वजनों की सजगता बहुत काम आती है। सबसे पहले कोशिश यह रहे कि जितना जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचने का प्रबंध कर लिया जाए। इस बीच सतर्कता के तहत मरीज को स्वजनों को खुद को धैर्य रखने के साथ मरीज को भी ढाढ़स बंधाना जरूरी होता है। इसके साथ ही सांप के विष को शरीर में फैलने से रोकने के लिए काटे वाले स्थान पर चीरा भी लगा दें। साबुन पानी से धोने के बाद घाव पर कपड़ा व पट्टी कुछ भी न बांधे।

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सुविधा न होने से कर दिया रेफर

- अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डेरवां औराई ब्लाक क्षेत्र में स्थित है। यहां पर तैनात चिकित्साधिकारी डा. अर्पिता सिंह ने बताया कि एंटी स्नेक वेनम रखने के लिए रेफ्रीजरेटर का होना जरूरी होता है। जिसके अभाव में यहां वैक्सीन उपलब्ध नहीं रहती। आने वाले मरीजों के सर्प दंश वाले स्थान के स्वेलिग आदि के संबंध में जानकारी होने पर सांप काटने की स्थिति स्पष्ट की जाती है। स्वेलिग आदि से राहत के लिए प्राथमिक उपचार के उपरांत मरीज को हायर सुविधा वाले अस्पतालों के लिए रेफर कर दिया जाता है। बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी सेवा की व्यवस्था न होने से रात में उपचार सुविधा नहीं दी जा सकती।


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