सील से की छेड़छाड़ तो संचालक पर होगी एफआइआर
बीते शनिवार को लखनों गांव में आग का गोला बना स्कूल वाहन में गंभीर रुप से 19 मासूम अबोध बच्चे समेत महिला व अन्य झुलस गए थे। घटना के बाद जिम्मेदार अधिकारियों की तंद्रा टूटने के बाद अमान्य विद्यालयों को सील करने की कार्रवाई का अभियान सोमवार से छेड़ दिया गया है। इसके साथ ही सील किए गए अमान्य विद्यालयों के लिए सख्त फरमान जारी किया गया है कि अगर सील से छेड़छाड़ किया गया तो संचालक समेत सभी जिम्मेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर विधिक कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस फरमान पर अमल कराना अधिकारियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : बीते शनिवार को लखनों गांव में आग का गोला बने स्कूल वाहन में गंभीर रूप से 19 मासूम अबोध बच्चे समेत महिला व अन्य झुलस गए थे। घटना के बाद जिम्मेदार अधिकारियों की तंद्रा टूटने के बाद अमान्य विद्यालयों को सील करने की कार्रवाई का अभियान सोमवार से छेड़ दिया गया है। इसके साथ ही सील किए गए अमान्य विद्यालयों के लिए सख्त फरमान जारी किया गया है कि अगर सील से छेड़छाड़ किया गया तो संचालक समेत सभी जिम्मेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर विधिक कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस फरमान पर अमल कराना अधिकारियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी।
दरअसल, घटना के बाद प्राथमिक जांच के अनुसार ज्ञानपुर नगर से सटे नथईपुर रोड पर स्थित एससी क्लासेज की आड़ में विद्यालय संचालित किया जा रहा था। संचालित अमान्य विद्यालय के मारुति वैन में लगे एलपीजी गैस सिलेंडर की वजह से लगी आग से दिल दहला देने वाली घटना के बाद अधिकारियों की टूटी तंद्रा के बाद अवैध विद्यालयों को बंद किए जाने के लिए टीम गठित कर सोमवार से लगातार अभियान चल रहा है। इस दौरान अमान्य विद्यालयों का संचालन सील कराने की कार्रवाई ताबड़तोड़ चल रही है। सील करने के बाद अभिभावकों को आगाह करने के लिए विद्यालयों की दीवारों पर बाकयदा नोटिस भी लिखा जा रहा है।
विभागीय फरमान पर भरोसा करें तो बंद विद्यालयों के सील से छेड़छाड़ करने पर विद्यालय संचालक समेत अन्य जिम्मेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर विधिक कार्रवाई की जाएगी। फरमान जारी तो हो गया है, लेकिन प्रभावशाली मठाधीश संचालकों के प्रभाव के आगे फरमान पर अमल कराना अधिकारियों के लिए कई चुनौतियों से भरा दिख रहा है। अगर फरमान प्रभावी किए जाना इतना आसान होता तो पिछले कई बार नोटिस देकर विद्यालयों को बंद किए जाने का बीएसए के फरमान पर विद्यालय संचालकों का प्रभाव साबित हुआ था। जिससे अब तक विद्यालय बंद कराए जाने की कवायद शुरू करने की हिम्मत विभागीय अधिकारियों ने जुटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी। फिलहाल इतनी सख्ती समय रहते दिखती तो शायद आज बीएचयू के ट्रामा सेंटर में हादसे में झुलसे बच्चे कराह नहीं रहे होते। हट गया विद्यालय का बैनर
सुबूत हटाने के लिए वैन हादसा के जिम्मेदार विद्यालय का बैनर हटा दिया गया। दरअसल शनिवार को हुए हादसे के बाद भी विद्यालय भवन के शटर के ऊपर बैनर टंगा हुआ था। लेकिन बुधवार को बैनर न रहने से चर्चाओं का बाजार गर्म दिख रहा था। सूत्रों के मुताबिक यह भी चर्चा सुनने में आ रही है कि जिम्मेदार लोगों के तालमेल से बैनर हटा दिया गया है। विद्यालय भवन को सील नहीं कर पाए अधिकारी
वैन अगलगी हादसा में अभी तक जिम्मेदार नथईपुर रोड स्थित विद्यालय भवन को जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से सील नहीं किया जा सका है, जबकि अब तक दो दिन के अभियान में 110 अमान्य विद्यालय को सील किया जा चुका है। जिससे लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसके पीछे टेक्निकल प्रक्रिया पूरी की जा रही है, जिसे पूर्ण होने पर सील किया जाएगा। जबकि लोगों की मानें तो दबाव में आकर जिम्मेदार अधिकारी घटना के जिम्मेदार विद्यालय को सील करने से कन्नी काट रहे हैं।