कराह रहीं वरुणा, पीड़ा सुनिए सरकार
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): अवैध कब्जों के बीच में ऐतिहासिक एवं प्राचीन नदी और तालाब अंतिम सा
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): अवैध कब्जों के बीच में ऐतिहासिक एवं प्राचीन नदी और तालाब अंतिम सांस गिन रहे हैं। ताल-तलैया और रजवाहा की बात छोड़ दीजिए ड्रेन और नाली- नाले का वजूद खत्म हो रहा है। अतिक्रमण ने वरुणा को विलुप्त करने की ओर ढकेल दिया है, वहीं समधा ताल, बावन बीघा ताल, सोनिया तालाब अतिक्रमण के भेंट चढ़ चुकी है।
प्राचीन और ऐतिहासिक जल स्त्रोतों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन जहां लापरवाह बना हुआ है तो वहीं भू- माफिया पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार का लाभ उठाते हुए बेशकीमती बहुमंजिला भवन तैयार हो रहे हैं। किसी स्थानीय प्रत्याशी ने वरुणा की पीड़ा को अनसुना कर दिया। इस पर कोई स्थानीय चुनावी घोषणा पत्र भी नहीं। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उदासीन हैं। चुनाव आए और गए लेकिन जल संरक्षण को लेकर किसी ने कभी भी मुद्दा नहीं बनाया।