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एसपी के पीआरओ और विवेचक की भूमिका की होगी जांच

पुलिस अधीक्षक के तत्कालीन पीआरओ विवेक उपाध्याय और विवेचक उप निरीक्षक रविशंकर राय की भूमिका की जांच होगी। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर गठित टीम की रिपोर्ट में दोनों पुलिस कर्मियों द्वारा विवेचना में व्यापक स्तर पर अनियमितता की गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 06:39 PM (IST)
एसपी के पीआरओ और विवेचक की भूमिका की होगी जांच
एसपी के पीआरओ और विवेचक की भूमिका की होगी जांच

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पुलिस अधीक्षक के तत्कालीन पीआरओ विवेक उपाध्याय और विवेचक उप निरीक्षक रविशंकर राय की भूमिका की जांच होगी। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर गठित टीम की रिपोर्ट में दोनों पुलिस कर्मियों द्वारा विवेचना में व्यापक स्तर पर अनियमितता की गई है। साथ ही पूर्व प्रमुख सुरेश मिश्र के भतीजे से प्रार्थना पत्र लेकर आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा गया है। इस मामले को पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखदेव राजभर जहां सदन में उठा चुके हैं तो संसदीय कार्यमंत्री ने डीजीपी को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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सावन माह में हाइवे पर निरीक्षण करने निकले पुलिस अधीक्षक के साथ उनके पीआरओ रहे विवेक उपाध्याय 29 जुलाई को जाम को खत्म करा रहे थे। इसी बीच पूर्व प्रमुख औराई सुरेश मिश्र के भतीजे कहीं जाने के लिए निकले थे। आरोप है कि हाइवे पर इलाहाबाद के एक वाहन को लेकर पीआरओ द्वारा अपनी हनक दिखाते हुए उनके भतीजों से भिड़ गए जबकि उस वाहन से पूर्व प्रमुख के भतीजों से कोई लेना-देना नहीं था। अफसरों के खास रहे पीआरओ द्वारा मनमानी तरीके से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गई। इस मामले को पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखदेव राजभर ने सदन में उठाया। इसके पश्चात डीजीपी कार्यालय की पुलिस टीम ने मामले की जांच की। पुलिस मुख्यालय की जांच टीम ने पीआरओ विवेक उपाध्याय और उनके हमराह राजमोहन पाल, रामसमुझ की भूमिका संदिग्ध पाई । साथ ही विवेचक उप निरीक्षक रविशंकर राय द्वारा विवेचना में की गई अनियमितता की जांच अपर पुलिस अधीक्षक से कराने की निर्देश दिया है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार आवेदक अशीष द्विवेदी, अमित द्विवेदी और रजत द्विवेदी से प्रार्थना पत्र लेकर उक्त आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराने को कहा गया है। इसके साथ ही विवेचना किसी अन्य जनपद में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। आरोप है कि अधिकारियों ने विवेचना को तो स्थानंतरित कर दिया लेकिन अन्य निर्देशों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है। यह स्थिति तब है जब पुलिस मुख्यालय ने कार्रवाई कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।

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- डीजीपी के निर्देश के क्रम में अभी तक पुलिस अधिकारियों द्वारा मुकदमा दर्ज करने के लिए आवेदन पत्र नहीं लिया गया और न ही सदन को इस कार्रवाई से अवगत कराया गया। संसदीय कार्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को निर्देशित किया है। इसके बाद भी यदि अधिकारी दोषी लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती है तो इस मामले को फिर पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा सदन में रखा जाएगा।

- सुरेश मिश्र, पूर्व प्रमुख औराई।

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- पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश के क्रम में जांच की जा रही है। जिससे जुड़ा मामला था उसे जनपद से मुक्त किया जा चुका है। प्राथमिकी दर्ज कराने की बात तो आवेदक ही बता सकते हैं। हम अपने स्तर से मामले को गंभीरता से देख रहे हैं।

- डा. संजय कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक।


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